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पिता की बची जान तो छठ मइया को दंडवत प्रणाम

जागरण संवाददाता आजमगढ़ छठ पूजा को लेकर तमाम मान्यताएं हैं। आमतौर पर लोग पुत्र प्राप्ति क

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 10:44 PM (IST)
पिता की बची जान तो छठ मइया को दंडवत प्रणाम
पिता की बची जान तो छठ मइया को दंडवत प्रणाम

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : छठ पूजा को लेकर तमाम मान्यताएं हैं। आमतौर पर लोग पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं लेकिन मूल रूप से आस्था, विश्वास और समर्पण का पर्व है। अगर इसके पुराने गीतों पर ध्यान दें तो महिलाएं पूजा के दौरान गाती हैं डोलिया चढ़न के बेटी एक मांगीले, घोड़वा चढ़न के दमाद, हे छठी मइया। यानी यह पर्व नारी सशक्तीकरण का भी संदेश देता है और शायद उसी संदेश को समझा तहबरपुर के जानकीपुर की शकुंतला गुप्ता ने। उनके पिता जी की तबीयत कई साल पहले काफी खराब हो गई। बचने की उम्मीद नहीं थी तो उन्होंने लोगों के कहने पर छठ मइया को याद किया और मन्नत मांगी कि अगर पिताजी स्वस्थ हो गए तो दंडवत प्रणाम करते हुए पूजा घाट पर पहुंचेंगी। छठ मइया की कृपा से पिता स्वस्थ हो गए और शकुंतला ने बेटी का धर्म निभाया। इस साल भी उन्होंने व्रत रखने के साथ तमसा के कदम घाट तक दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंचीं।

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शुभकामना के बहाने किया पंचायत चुनाव का प्रचार

जागरण संवाददाता, रानी की सराय (आजमगढ़) : छठ पर्व पर एक तरफ सेवादार रहे तो दूसरी तरफ बैनर-पोस्टर के सहारे चेहरे दिखाकर पंचायत चुनाव में भावी प्रत्याशी होने का भी संदेश दिया गया। रानी पोखरे पर व्रतियों के साथ अ‌र्घ्य देने वालों की भी संख्या कम नहीं रहती। गुलजार घाट पर वे भी प्रचार के अवसर भुनाने में नही चूके जो विभिन्न पदों के लिए भावी प्रत्याशी हैं। बैनर-पोस्टर के माध्यम से श्रद्धालुओं के बीच हाजिरी लगाने में लगे रहे। वहीं कई नेता अपने समर्थकों के साथ घाट पर लोगों से मिलते-जुलते नजर आए।


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