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श्रीराम व भरत विलाप का दृश्य देख रो पड़े लोग

विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। जहानागंज में खर-दूषण वध, रौनापार के नैनीजोर में राम-भरत विलाप का मंचन किया गया। वहीं सरायमीर में कैकेई राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को वन भेजने का वन मांगती है तो फूलपुर में राम वन का मंचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 12:11 AM (IST)
श्रीराम व भरत विलाप का दृश्य देख रो पड़े लोग
श्रीराम व भरत विलाप का दृश्य देख रो पड़े लोग

आजमगढ़ : विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। जहानागंज में खर-दूषण वध, रौनापार के नैनीजोर में राम-भरत विलाप का मंचन किया गया। वहीं सरायमीर में कैकेयी राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को वन भेजने का वर मांगती हैं तो फूलपुर में राम वनगमन का मंचन किया गया।

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जहानागंज प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के बरहतिर जगदीशपुर गांव की ऐतिहासिक रामलीला में खर-दूषण व तृष्णा वध का मंचन किया गया। नाक-कान कटने के बाद रावण की बहन शूर्पणखा अपना दर्द बयां करने खर-दूषण के दरबार में पहुंची। आपबीती बताने पर तीनों भाई मिलकर राम को ललकारते हुए युद्ध के मैदान में पहुंचते हैं। भगवान राम के समझाने के बाद भी वे नहीं माने तो श्रीराम ने युद्ध में तीनों को मार गिराया। इसकी सूचना जब रावण को मिली तो वह निराश हो उठा। इसमें खर की भूमिका अतुल राय, दूषण महेश राय और तृष्णा की भूमिका उमेश राय ने निभाई। इस अवसर पर सुशील राय, जवाहिर, गणेश राय, विनोद राय, सुनील राय, रामवृक्ष राम आदि रहे।

रौनापार प्रतिनिधि के अनुसार सगड़ी तहसील के नैनीजोर की ऐतिहासिक रामलीला में राम वनवास से लेकर भरत मिलाप तक का मंचन किया गया। रामलीला की शुरुआत राम वनवास से हुई। इसके बाद भरत व शत्रुघ्न को ननिहाल से बुलाया गया, लेकिन भरत ने राज ¨सहासन का मोह छोड़कर राम को मनाने माता, मंत्री, प्रजा व गुरुजन सहित वन में मनाने चले जाते हैं। वहां पहुंचकर भरत राम से लिपटकर विलाप करने लगे, इसे देख दर्शक रो पड़े। लीला मंचन में रामनरायन ¨सह, रामप्रताप ¨सह, सुधाकर ¨सह, गोलू ¨सह, आशीष गुप्ता, आशीष ¨सह, मोनू ¨सह, अजय ¨सह, यागेंद्र ¨सह आदि ने अभिनय किया। इस मौके पर संत विजय ¨सह, जयशंकर ¨सह, रमेश ¨सह, रविशंकर ¨सह, सोनू ¨सह, राकेश ¨सह, यशवंत ¨सह आदि थे।

सरायमीर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के पवई लाडपुर रामलीला समिति के तत्वावधान में रामलीला के कलाकारों ने कोप भवन में कैकेयी राजा दशरथ से दो वरदान मांगती हैं। राजा दशरथ को राम की सौगंध के चलते भरत को राजगद्दी व राम को चौदह वर्ष के वनवास का वरदान देने के लिए विवश होना पड़ा। इसकी खबर जैसे ही अयोध्यावासियों को अयोध्यावासियों को हुई वे दुखी हो गए। लीला मंचन के मौके पर पंकज ¨सह, श्रीनाथ प्रजापति, अनुपम पांडेय, गुलशन प्रजापति, शैलेश प्रजापति, डा. अजय कुमार पांडेय, संदीप अस्थाना, गोपाल विश्वकर्मा, गुलाब प्रजापति आदि मौजूद थे।


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