पीठाधीश्वर ने प्रतिमाओं का किया अनावरण
आजमगढ़ : गहजी स्थित मां शारदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में मौनी बाबा के गगनभेदी जयकारे के बीच काशी के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज, रामानुज सम्प्रदाय के जगद्गुरु डा. राधवाचार्य महाराज, मप्र के योगी रामानंद दास, श्रीराम कृष्ण दा महाराज द्वारा नव निर्मित मन्दिर मे स्थापित सिद्ध संत दुर्वासा मौनी बाबा, श्रीराम दरबार एवं श्री राधा कृष्ण की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। हरिहरात्मक यज्ञ के मंडप परिक्रमा के लिए साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
आजमगढ़ : गहजी स्थित मां शारदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में मौनी बाबा के गगनभेदी जयकारे के बीच काशी के सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज, रामानुज संप्रदाय के जगद्गुरु डा. राधवाचार्य महाराज, मप्र के योगी रामानंद दास, श्रीराम कृष्ण दा महाराज द्वारा नवनिर्मित मंदिर में स्थापित सिद्ध संत दुर्वासा मौनी बाबा, श्रीराम दरबार एवं श्रीराधा-कृष्ण की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। हरिहरात्मक यज्ञ के मंडप परिक्रमा के लिए साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। आयोजक फौजदार ¨सह, डा. दिवाकर ¨सह (प्राचार्य), हरिद्वार ¨सह इत्यादि के हाथों सात दिवसीय हरिहरात्मक यज्ञ की पूर्णाहुति क्रिया यज्ञाचार्य पंडित रामबली पांडेय, अशोक पाठक व हरिनाथ शास्त्री सहित दर्जनों विद्वानों ने वैदिक रीति से सम्पन्न कराई। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने हरिहरात्मक यज्ञ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शिव और विष्णु अभेद हैं। यज्ञ के मंडप में आवाहित देवताओं का अर्चन, सत्संग मे ज्ञान स्वरूप अनादि भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन और मेहनत के रुप में उपार्जित धन का भंडारे मे उपयोग तत्क्षण फलदायी है। उन्होंने कहा कि शिव की अष्ट प्रकृति सम्पूर्ण चराचर जगत में व्याप्त है। डा. राधवाचार्य ने मौनी बाबा को महान संत बताया एवं उनके बताए मार्ग पर चलने की लोगों से आह्वान किया। मप्र से आए योगी रामानंद दास ने कहा कि सिद्ध संत मौनी बाबा मौन रहने के बावजूद भी समाज का सबसे अधिक कल्याण करते थे। इस अवसर पर सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन, प्राचार्य डा. दिवाकर ¨सह, संजय ¨सह ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए अंगवस्त्रम व मौनी बाबा का चित्र भेंट किया। इस मौके पर सांसद नीलम सोनकर, शंभूनाथ ¨सह (पूर्व मंत्री), पंडित बजरंग त्रिपाठी, डा. कन्हैया ¨सह, प्रभु नारायण प्रेमी, डा. मातबर ¨सह, इंद्रासन राय, राम मिलन ¨सह, राजबहादुर ¨सह, दिवाकर ¨सह, मुसाफिर ¨सह, बम बम गिरी महाराज आदि उपस्थित थे।