तीन माह में दर्ज हुए सिर्फ 10 ई-एफआइआर
किसी भी घटना का मुकदमा दर्ज कराने के लिए लोग जहां थाने से लेकर अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं वहीं लोगों की सुविधा के लिए आनलाइन एफआईआर दर्ज कराने के लिए शासन की ओर से यूपी कॉप एप की सुविधा लांच की गयी है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : किसी भी घटना का मुकदमा दर्ज कराने के लिए लोग जहां थाने से लेकर अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं, वहीं लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराने के लिए शासन की ओर से 'यूपी कॉप एप' की सुविधा लांच की गई है। इस एप के लांच होने के बाद भी देखा जाए तो तीन माह के अंदर जिले के 25 थानों पर सिर्फ 10 ई-एफआइआर ही पंजीकृत हुए हैं।
लोगों की सुविधा के लिए घर बैठे ई-एफआइआर दर्ज कराने के लिए लांच किए गए यूपी कॉप एप पर देखा जाए तो जिले के 25 थानों पर एक जनवरी से लेकर एक अप्रैल तक कुल 10 आवेदन ही आए। शहर कोतवाली में पांच, अतरौलिया व सिधारी में दो-दो और मेहनाजपुर में एक मुकदमा दर्ज किए गए। ऑनलाइन दर्ज हुए ई-एफआइआर पर नजर डाली जाए तो शहर कोतवाली में पंजीकृत हुए पांच मुकदमों में तीन का पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निस्तारण कर दिया और दो मुकदमे अभी लंबित हैं, जबकि अतरौलिया, सिधारी में दर्ज दो-दो व मेंहनाजपुर में दर्ज एक मुकदमा का अभी तक निस्तारण पुलिस नहीं कर पाई है। इसी प्रकार चरित्र प्रमाण पत्र के लिए यूपी कॉप एप पर लोगों के तीन माह के दौरान कुल 79 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें 62 चरित्र प्रमाण पत्र का सत्यापन कर दिया गया और 17 आवेदन जांच में पेंडिग पड़े हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए यूपी कॉप पर नौ आवेदन लोगों ने किया, जिनमें सभी का पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यापित कॉपी बनाकर दे दिया गया। इसी प्रकार से विभिन्न संस्थाओं ने कर्मचारियों के चरित्र सत्यापन के लिए यूपी कॉप एप पर 14 आवेदन तीन माह में ऑनलाइन आए। जिनमें चार लोगों का चरित्र सत्यापन कर प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए और दस चरित्र सत्यापन का प्रार्थना पत्र लंबित पड़ा हुआ है। यूपी कॉप एप पर ऑनलाइन यह उपलब्ध है सुविधा
यूपी कॉप एप पर ई-एफआइआर के साथ ही कई सुविधाएं भी उपलब्ध है। जो कोई भी व्यक्ति घर बैठे इस एप पर ऑनलाइन आवेदन कर सुविधा का लाभ ले सकता है। ई-एफआइआर के साथ ही इस एप पर चरित्र सत्यापन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अनुरोध, गुमशदा लोगों का रजिस्ट्रेशन, कर्मचारियों का सत्यापन, घरेलू सहायता सत्यापन, खोई संपत्ति, घरेलू नौकर का सत्यापन, चोरी हुए वाहनों के संबंध में जानकारी, हड़ताल-धरना प्रदर्शन, साइबर क्राइम, अधिकारियों के मोबाइल नंबर की जानकारी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। ''आम लोगों की भाग दौड़, परेशानी, अनावश्यक खर्च, समय का बचत को ध्यान में रखकर यूपी कॉप एप जारी किया है। इसके लांच किए जाने के तीन माह में नाम मात्र ही लोग इस पर आवेदन किए। इसकी मुख्य वजह लोगों में जानकारी का अभाव है। जब लोगों को इसकी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी तो संख्या स्वयं अपने आप बढ़नी शुरू हो जाएगी। इस एप पर अपलोड आवेदनों पर अधिकारी से लेकर सभी की नजर होती है और इसकी मानीटरिग भी की जाती है।''
-नरेंद्र प्रताप सिंह, एसपी ग्रामीण।