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अब सीसी कैमरे से बैरकों की निगहबानी, जैमर की जद में '4जी'

जेल में हत्या। जेल से धमकी। जेल में मारपीट। जेल से जरायम की दुनिया का संचालन..कोई नई चीज नहीं है। आए दिन किसी न किसी जेल से इस तरह की घटना सुर्खियों में रहती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 07:09 AM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 07:09 AM (IST)
अब सीसी कैमरे से बैरकों की निगहबानी, जैमर की जद में '4जी'
अब सीसी कैमरे से बैरकों की निगहबानी, जैमर की जद में '4जी'

विकास ओझा, आजमगढ़

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'जेल में हत्या, जेल से धमकी, जेल में मारपीट, जेल से जरायम की दुनिया का संचालन' कोई नई चीज नहीं है। आए दिन किसी न किसी जेल से इस तरह की घटना सुर्खियों में रहती है। ये अलग बात है कि प्रथम दृष्टया जेल अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है लेकिन इस हकीकत से एडीजी जेल से लेकर शासन भी अनभिज्ञ नहीं हैं। सभी जेल में संसाधनों की कमी की बात कहते हैं। हालांकि जेल की दीवारों को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं पर फर्राटा भर रही नई तकनीकी के आगे वह बौना साबित हो रही है। बहरहाल, इसी क्रम में अब जिला कारागार की बैरकों की भी निगहबानी शुरू होने जा रही है।शासन के निर्देश के क्रम में आजमगढ़ के जेल अधीक्षक की ओर से 100 सीसी कैमरा लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है इसी वित्तीय वर्ष में इसको हरी झंडी मिल जाएगी। इसके अलावा फोर जी नेटवर्किंग को भी जैमर की जद में लाने की कोशिश है, ताकि जेल के अंदर की चीजें बाहर न आ सके । अभी हाल ही में दीपावली पर बनी रंगोली से लगायत बंदियों के सेलीब्रेशन तक के मामले सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए थे। इसके अलावा जेल के बंदियों की सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिख रहा है। इसके अलावा जेल बंदियों को स्वरोजगार से जोड़ने की भी मुहिम जारी है। कंप्यूटर प्रशिक्षण से लगायत सिलाई कढ़ाई का कार्यक्रम संचालित है। जेल प्रशासन बंदियों को नई दिशा देने की ओर अग्रसर है।जेल की वर्तमान स्थितिजिला जेल के स्थानांतरण के बाद इटौरा में नई जेल यानी जिला कारागार निर्मित हुआ। करोड़ों की लागत से बने इस जिला कारागार में कुल 42 बैरक है। इसकी क्षमता 1244 की है। इस वक्त जेल में 1167 बंदी हैं। इसमें 45 महिला बंदी हैं। सुल्तानपुर व गोरखपुर से भी कुछ बंदी स्थानांतरित होकर यहां आए हैं।पर्याप्त संख्या में नहीं हैं बंदी रक्षककागार की सुरक्षा के लिए वर्तमान में लगभग 54 बंदी रक्षक हैं। जबकि 170 के आसपास होने चाहिए। महिला बंदी रक्षकों की भी कमी है। महज होमगार्ड समेत आधा दर्जन महिलाएं स्टाफ हैं, जबकि जेल में महिला बंदियों की संख्या तीन दर्जन से अधिक है। ''जेल में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है। जिला कारागार के बैरकों पर नजर रखने के लिए सीसी कैमरा लगाने का प्रस्ताव है। शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलते ही इस कार्य को पूरा करा दिया जाएगा। इसके अलावा फोर जी नेटवर्किंग को भी जैमर की जद में लाने का प्रयास चल रहा है। कौशल विकास मिशन तहत बंदियों को कंप्यूटर व सिलाई कढाई आदि की ट्रे¨नग दी जा रही है।''

-अनिल कुमार गौतम, जेल अधीक्षक, जिला कारागार।


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