कोर्ट स्थापित करने को नहीं मिला किराए पर मकान
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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिला न्यायालयों में मुकदमों की लंबी फाइल के चलते दुर्घटना वाद निस्तारण में लंबा समय लग जाता है। ऐसे में दुर्घटना वाद का जल्द निस्तारण के लिए शासन स्तर से जिले में अलग कोर्ट स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। कोर्ट को स्थापित करने की सभी जिम्मेदारी आरटीओ विभाग को दिया गया है। कोर्ट स्थापित करने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई लेकिन कोर्ट के लिए जगह नहीं मिल सकी। विभाग द्वारा किराए के मकान की तलाश हो रही है।
अभी तक मोटर दुर्घटना से संबंधित मामलों का निस्तारण जिला न्यायालयों में ही होता है। जिला न्यायालय में मुकदमों का बोझ पहले से बहुत ज्यादा हो गया है। ऐसे में पीड़ितों को न्याय के लिए लंबे दिन का इंतजार करना पड़ता है। जब तक न्याय मिलता है तब तक वाहन कबाड़ हो जाता है। समस्याओं को देखते हुए मोटर दुर्घटना संबंधित मामलों का निस्तारण को विशेष अधिकरण की स्थापना होना है। जिसे 'मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण' कहा जाएगा। आरटीओ के अधिकारियों ने बताया कि सिधारी स्थित मंडलीय कार्यालय में कोर्ट स्थापित करने की बात चल रही थी लेकिन कम जगह मिलने के कारण वहां कोर्ट स्थापित नहीं हो सकता। कोर्ट में जज व अन्य पदों की नियुक्ति कर ली गई है लेकिन कहीं भवन नहीं मिल रहा है। किराये के मकान की भी तलाश की जा रही है। मकान फाइनल होते ही कोर्ट स्थापित कर दिया जाएगा। जल्द होगा वाद का निस्तारण
जिला न्यायालय में वाद निस्तारण को लंबा समय लग जाता है। 'मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण' स्थापित होने से दुर्घटना वाद का जल्द ही निस्तारण हो जाएगा। बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए न्यायालय स्थापित किया जाना है। यहां पीड़ितों को कम खर्च के साथ ही जल्द मामले का निस्तारण हो जाएगा। वर्जन::::-जिले में 'मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण' की स्थापना के लिए एआरटीओ को जिम्मेदारी मिली है। भवन की तलाश की जा रही है। दो भवन मिले थे प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। निर्णय होने पर कोर्ट स्थापित कर दिया जाएगा।
-आरएन चौधरी, एआरटीओ प्रशासन आजमगढ़।