न तार बदले गए और न ही लगे बिजली के पोल
आजमगढ़ बिजली विभाग की उदासीनता के चलते अहरौला क्षेत्र की जनता त्रस्त है। पूरे बाजार में जर्जर तार सड़क किनारे लटके हुए हैं लेकिन उसे बदलने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। आए दिन जर्जर तार टूटकर गिरने फाल्ट होने तथा अन्य समस्याएं होती रहती हैं। बिजली विभाग की उदासीनता का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जासं, अहरौला (आजमगढ़) : बिजली विभाग की उदासीनता के चलते अहरौला क्षेत्र की जनता त्रस्त है। पूरे बाजार में जर्जर तार सड़क किनारे लटके हुए हैं लेकिन उसे बदलने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। आए दिन जर्जर तार टूटकर गिरने, फाल्ट होने से आपूर्ति बाधित रहती है। अहरौला कस्बा लगभग दो किलोमीटर के दायरे में फैला है। कस्बे में 11 हजार वोल्टेज तार पूरी तरह से जर्जर है। तेज हवा के झोंके के साथ यह नीचे आ जाते हैं। वहीं सोनकर बस्ती व मुस्लिम बस्ती में भी वर्षों से बिजली तार व खंभा नहीं पहुंचा। जनता वर्षों से मांग कर रही है कि विद्युत स्टेशन रेड़हा से अहरौला तक बिजली व्यवस्था अलग की जाए, जिससे बिजली कटौती से राहत मिल सके। क्षेत्र के लोगों की शिकायत है कि कस्बे को सौभाग्य बिजली योजना के अंतर्गत चयनित कर बोर्ड लगा दिया गया। जबकि इस बोर्ड का कोई मतलब नहीं है। न तो कोई नया खंभा लगा न ही तार बदले गए। केवल कागज में कोरम पूरा कर दिया गया। जनता में काफी आक्रोश है। गर्मी में रात व दिन बिजली कटौती से जनता त्रस्त है।
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