'मेरी तारीख अमीरी नहीं फकीरी है' से लूटी वाहवाही
कवि व शायर और राष्ट्रीय गीत Þसारे जहां से अच्छा ¨हदोस्तां हमारा' के रचयिता स्व. अल्लामा इकबाल का जन्म उत्सव गर्ल्स डिग्री कालेज मुबारकपुर के कम्पाउंड में शुक्रवार को पूर्व चेयरमैन डा. शमीम अहमद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
आजमगढ़ : कवि व शायर और राष्ट्रीय गीत 'सारे जहां से अच्छा ¨हदोस्तां हमारा' के रचयिता स्व. अल्लामा इकबाल का जन्मोत्सव कार्यक्रम गर्ल्स डिग्री कालेज मुबारकपुर परिसर में शुक्रवार को पूर्व चेयरमैन डा. शमीम अहमद की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि शिब्ली कालेज आजमगढ़ के प्रोफेसर डा. शबाबुद्दीन रहे। इसमें वक्ता व छात्रों ने इकबाल के जीवन और उनकी लिखी हुई शायरी पर प्रकाश डाला। जैसे 'सारे जहां से अच्छा ¨हदोस्तां हमारा' छात्रा सुप्रिया जायसवाल ने 'मेरी नवाये परेशां को शायरी न समझ, न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदोस्तां वालों' छात्र मो. शाकिब रजा ने 'मेरी तारीख अमीरी नहीं फकीरी है' आदि कलाम प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। मुख्य अतिथि डा. शबाबुद्दीन ने कहा कि मो. इकबाल इस देश की धरोहर थे। उन्होंने अपनी रचनाओं और कलाम से लोगों में देश भक्ति का जज्बा पैदा किया। वर्ष 1894 से 1905 तक का उनका दौर उनकी रचनाओं का सुनहरा दौर था। उन्होंने कहा कि 'पत्थर की मूरतों में समझा है तू खुदा है, खाके वतन का मुझको हर जर्रा देवता है' पर तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गूंज उठा। अंत में उत्कृष्ट छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और डायरी प्रदान की गई। इस अवसर पर डा. सलमान, आमिर फहीम, शकील सहारा, मुजाहिद्दीन, जलालुद्दीन, हाजी हसमतुल्लाह, मुजफ्फर, शाहिद जमाल आदि मौजूद थे। संचालन छात्रा शबीना अंजुम ने किया।