वोटों की बारिश में उलझी सियासी चाणक्यों की गणित
जागरण संवाददाता आजमगढ़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दूसरा चरण सोमवार को बीत गया। कोरोना
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दूसरा चरण सोमवार को बीत गया। कोरोना संक्रमण की भयावहता के बीच बूथों पर वोटों की बारिश हुई। 63.59 फीसद पड़े वोट ने सियासी दलों के चुनावी चाणक्यों की गणित गणबड़ा दी है। दरअसल, चुनाव लोकल होने से जीत-हार के लिए धर्म-जाति के समीकरण बैठाए जा रहे थे। गांवों में वोटर निकलने शुरू हुए तो शाम पांच बजे तक लगी रही कतार ने चुनावी चाणक्यों की नजर में कई तरह की आशंकाएं खड़ी कर दी हैं। हालांकि, अधिकांश वोटों की बारिश में अपने-अपने सियासी खेतों के ही लहलहाने के दावे कर रहे हैं। सबके अपने-अपने दावे हैं, लेकिन अंदरखाने में चुनावी चाणक्यों को आशंकाएं खाए जा रही कि वोटों की बारिश कहीं उनके अरमान बहा न ले जाएं..।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइलन कहा जा रहा है। यही वजह रही कि सियासी पार्टियों ने चुनाव को कतई हल्के में नहीं लिया। भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुनाव में ताकत झोंकी तो सपा, कांग्रेस व बसपा भी पीछे नहीं रही। कुछ ऐसा कि पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को चुनौती देने वाले लोगों को संगठन से बाहर तक का रास्ता दिखा दिया गया। अलग बात थी कि चुनाव जीतने का तरीका सबका अलग-अलग रहा। भाजपा के जिला महामंत्री सूरज श्रीवास्तव ने मंगलवार को निजामाबाद में मीटिग कर चुनाव के संभावित परिणामों पर चर्चा की। बूथ अध्यक्षों से बात की कि कार्यकर्ता कहां-कहां मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में सफल रहे। लालगंज जिलाध्यक्ष ऋषिकांत राय ने कहाकि भाजपा संगठन के बल पर चुनाव लड़ती है। बूथ अध्यक्षों ने काम किया है, परिणाम भी बेहतर आएगा। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने कहाकि कार्यकर्ताओं ने जमीन पर ताकत दिखाई है। चुनाव नतीजों पर ज्यादा बोलने के बजाए मैं यह कहना चाहूंगा कि इस चुनाव में पार्टी एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है। ग्रामीण क्षेत्र की एक बड़ी आबादी ने हमे सपोर्ट किया है। ऐसे लोग जो दूसरी सियासी पार्टियों की वादाखिलाफी, मतलब परस्ती से तंग आ चुके थे। बसपा जिलाध्यक्ष अरविद कुमार ने बताया कि हम सर्वसमाज को साथ लेकर चुनाव लड़े हैं। दो मई का दिन बहुजन समाज पार्टी का ही होगा। सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहाकि प्रशासन की ज्यादतियों के बावजूद हम बेहतर स्थिति में हैं।