जल निकासी न होने से बाजार जलमग्न
मार्टीनगंज बाजार में जल निकासी की व्यवस्था न होने से हल्की सी बरसात में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यहीं नहीं बरसात का पानी उनके घरों व दुकानों में घुस जाता है और सारे सामान खराब हो जाते हैं।
जासं, मार्टीनगंज (आजमगढ़) : मार्टीनगंज बाजार में जल निकासी की व्यवस्था न होने से दो दिन की हल्की बरसात ने पोल खोलकर रख दी। जगह जगह जहां जलजमाव की स्थिति है। वहीं बरसात का पानी दुकानदारों के घरों व दुकानों में जाने से सारे सामान खराब हो रहे हैं। हालांकि यह समस्या लंबे समय से हैं। वर्षों से क्षेत्रीय लोग जलनिकासी की मांग को लेकर अफसरों को ज्ञापन देने से लगायत सड़क पर उतरकर आंदोलन किए लेकिन बात नहीं बनी।
हर बरसात में बाजारवासियों को जलालत झेलनी पड़ती है। बाजारवासियों का कहना है अब बहुत हो गया। इस बार अगर प्रशासन जल निकासी की व्यवस्था नहीं करता है तो बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा। दो किमी में विस्तार लिए तहसील मुख्यालय की बाजार में जल निकासी की आज तक कोई व्यवस्था न होने से क्षेत्रीय लोगों में खासा नाराजगी है। बाजारवासियों ने कई बार लिखित शिकायत उपजिलाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों तक दिया लेकिन किसी अधिकारी व कर्मचारी ने गंभीरता से नहीं लिया। व्यापारी दिनेश गुप्ता, सुनील यादव, अनिल यादव, संजय यादव, आनंद मोदनवाल आदि का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन आज तक जल निकासी की कोई व्यवस्था व्यवस्था नहीं की गई।
आदर्श गांव सुरहन का मुख्य मार्ग की हालत दयनीय
जासं, मार्टीनगंज (आजमगढ़) : क्षेत्र का आदर्श गांव सुरहन का मुख्य मार्ग वर्षों से खराब है। बारिश होने से इसकी स्थिति और दयनीय हो गई है। पिछली भाजपा सरकार में भाजपा सांसद रहीं नीलम सोनकर ने इस गांव को बकायदा ढोल-नगाड़े के साथ आदर्श गांव घोषित किया और गोद लिया था। गांव वालों सहित क्षेत्रवासियों में आस जगी की सुरहन गांव आदर्श गांव के रूप में सुशोभित होगा। इस गांव को देखकर क्षेत्र व अन्य गांवों के प्रधान इस नक्शे कदम पर चलेंगे। जब आदर्श गांव का विकास नहीं हुआ तो गांव वालों की आस टूट गई। ग्रामीणों का कहना है कि सुरहन गांव जब से आदर्श गांव घोषित हुआ है तब से कई बार जिलाधिकारी व मंडलायुक्त दौरा कर चुके हैं लेकिन गांव का बदहाल रास्ता किसी को नहीं दिखा। इसे लेकर ग्रामीणों ने डीएम व मंडलायुक्त से शिकायत की पर कोई कार्य नहीं हुआ। ग्राम प्रधान हेमलता सिंह का कहना है कि गांव के मुख्य आबादी से जाने वाले मार्ग पर पूर्व सांसद ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस मार्ग को दुरुस्त करा दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद ग्रामीणों की आस टूट गई।
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