भगवान शिव गृहस्थ धर्म के परम आचार्य
चक्रपानपुर (आजमगढ़) श्रीराम-जानकी मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के दूसरे दिन बुधवार की शाम महाराष्ट्र से आए सुरेंद्र मोहन महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान शिव गृहस्थ धर्म के परम आचार्य हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी गृहस्थ जीवन का जो सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया है वह कलयुग में मानव के लिए अनुकरणीय है। शिव के गले में सर्प है जबकि उनके पुत्र श्रीगणेश की सवारी चूहा कार्तिकेय की सवारी मोर। इस प्रकार परिवार में सांप चूहा और मोर साथ-साथ हैं। शिव की सवारी बैल और माता पार्वती की सवारी शेर।
जागरण संवाददाता, चक्रपानपुर (आजमगढ़) : श्रीराम-जानकी मंदिर परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के दूसरे दिन बुधवार की शाम महाराष्ट्र से आए सुरेंद्र मोहन महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि भगवान शिव गृहस्थ धर्म के परम आचार्य हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी गृहस्थ जीवन का जो सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया है वह कलयुग में मानव के लिए अनुकरणीय है। शिव के गले में सर्प है, जबकि उनके पुत्र श्रीगणेश की सवारी चूहा, कार्तिकेय की सवारी मोर। इस प्रकार परिवार में सांप, चूहा और मोर साथ-साथ हैं। शिव की सवारी बैल और माता पार्वती की सवारी शेर। शिव जी ने जितने सुंदर ढंग से परिवार का प्रसन्नता पूर्वक संचालन किया है वह वर्तमान मानव जाति के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने किहा कि यदि मानव अपने आराध्य शिव के गृहस्थ जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उतार ले तो किसी भी मानव की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इस दौरान सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, श्रीराम-जानकी कुटी के महंत ओमप्रकाश दास, श्रीप्रकाश दास, अशोक सिंह, उमाकांत पांडेय, आचार्य बदन पांडेय, संजय जायसवाल, प्रधान अलगू प्रजापति, गंगा दुबे आदि रहे।
बोंगरिया : क्षेत्र के रासेपुर शिव मंदिर प्रांगण में बुधवार को तीसरे दिन सरस संगीतमयी श्रीराम कथा रसोत्सव का शुभारंभ मानस कोकिला गौरंगी गौरी ने पूजा-अर्चन से किया। बताया कि राम का नाम लेते रहिए और अपना काम करते रहिए। डा. मंगला ने कहा कि केवल हम सुधर जाएं तो पूरा जग सुधर जाएगा। संचालन अरुण सिंह ने किया।
अभिषेक सिंह, ग्राम प्रधान अंजू सिंह, अवधेश सिंह, शुभम सिंह, रामेश्वर सिंह, छब्बू सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, राजेंद्र पासवान, अवधेश चौहान, सुनील सिंह, उमेश, रामजन्म पांडेय, लोहा, रोहित, मंदिर पुजारी अशोक गिरि, भीम सिंह, दिलीप सिंह, शेर बहादुर सिंह, अब्बास अली हैदर, संध्या सिंह आदि रहीं।