रोडवेज पर पहली बार दिखा लॉकडाउन
जागरण संवाददाता आजमगढ़ लॉक डाउन के दस दिनों तक रोडवेज बसों के संचालन पर रोक नहीं लगी बसों के आने और जाने का सिलसिला जारी रहा लेकिन प्रबंध निदेशक के निर्देश के बाद बुधवार को पहली बार यहां लॉक डाउन प्रभावी दिखा। सुबह से लेकर शाम तक कहीं से कोई बस नहीं आई और ना ही बस की तलाश में कोई यात्री ही पहुंचा। हालांकि कुछ कर्मचारी इमरजेंसी के लिए बुलाए तो गए थे लेकिन उनके पास कोई काम नहीं था। कर्मचारियों से
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : लॉक डाउन के दस दिनों तक रोडवेज बसों के संचालन पर रोक नहीं लगी, बसों के आने और जाने का सिलसिला जारी रहा लेकिन प्रबंध निदेशक के निर्देश के बाद बुधवार को पहली बार यहां लॉक डाउन प्रभावी दिखा। सुबह से लेकर शाम तक कहीं से कोई बस नहीं आई और ना ही बस की तलाश में कोई यात्री ही पहुंचा। हालांकि, कुछ कर्मचारी इमरजेंसी के लिए बुलाए तो गए थे लेकिन उनके पास कोई काम नहीं था। कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा कर्मी तक प्रतीक्षालय में लगी टीवी देखकर समय काट रहे थे। डा. आंबेडकर डिपो की केवल एक बस को रवाना किया गया। उसके चालक-परिचालक ने बताया कि बंदियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पुलिस लाइन के लिए बस को रवाना किया गया है।
रोडवेज बसों का संचालन बंद होने की जानकारी शायद सामाजिक संगठनों को भी हो गई थी इसलिए बुधवार को भोजन बांटने वाले भी नहीं पहुंचे। बता दें कि जनता कर्फ्यू के दिन से ही इमरजेंसी के नाम पर बसों का संचालन कई डिपो से जारी रहा। पहले ही दिन वाराणसी क्षेत्र की कई बसें यात्रियों को लेकर यहां पहुंचीं थीं। उस समय परिचालकों ने बताया कि अधिकारी जबरन भेज रहे हैं। खास बात यह रही कि यहां पर यात्रियों की चेकिग के नाम पर केवल नाम और पता नोट कर आगे के लिए रवाना कर दिया गया।