ग्राम पंचायतों में कूड़ा फेंकने को चिह्नित होगी जमीन
आजमगढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खुले में शौचमुक्त भारत के एलान के बाद अब पूरे जनपद में ओडीएस प्लस अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत हर ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत अपशिष्ट को सुरक्षित स्थान पर फेंकने के लिए जमीन चिह्नित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे न सिर्फ गंदगी से मुक्ति मिलेगी बल्कि बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खुले में शौचमुक्त भारत के एलान के बाद अब पूरे जनपद में ओडीएस प्लस अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत हर ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत अपशिष्ट को सुरक्षित स्थान पर फेंकने के लिए जमीन चिह्नित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे न सिर्फ गंदगी से मुक्ति मिलेगी, बल्कि बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।
जनपद में कुल 1871 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों से निकलने वाले कूड़े, कचरे को फेंकने के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं रह गया है। जिन गांवों में है भी वहां लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। ऐसे में लोग कूड़े-कचरे को सड़क या चकरोड पर फेंक देते हैं। गोबर फेंकने के लिए कोई उचित स्थान न रहने की वजह से इसे भी मार्गों के किनारे फेंक दिया जाता है या बारिश होने पर बह जाता है। सरकार ने पहले सभी गांवों को ओडीएफ करने का अभियान चलाया था। यह अभियान करीब दो साल तक चला और अब विभाग के दावे के अनुसार हर गांव के हर घर में शौचालय बन गया है। इसका लोग उपयोग भी कर रहे हैं। ऐसे में खुले में शौच से लगभग मुक्ति मिल चुकी है। अब प्रशासन की तरफ से गांवों में फैलने वाले कूड़े-कचरों के प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत व सामुदायिक जमीनों पर घूर गड्ढा बनाया जाएगा और गांवों से निकलने वाले कूड़े-कचरे को इसमें डाला जाएगा। इससे खाद बनेगी और खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी।
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सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक जमीन है। जहां सामुदायिक जमीन नहीं है वहां पर व्यक्तिगत जमीन पर घूर गड्ढा का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सभी ग्राम पंचायत सचिवों व ग्राम प्रधानों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिया गया है।
-बीबी सिंह, डीसी मनरेगा।