किसानों संग ऐसी अपनाएं नीति, न होने पाए राजनीति
भारत में कृषि और किसानों की हालत दिनोदिन बदतर होती जा रही है। इसके कारण अनेक कि
भारत में कृषि और किसानों की हालत दिनोदिन बदतर होती जा रही है। इसके कारण अनेक किसान आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो रहे हैं। इस समस्या को हर सरकार जानती है पर उसके पास उचित समाधान नही है। भारतीय किसानों की हालत बहुत खराब है। इस पर लोग केवल बहस करते हैं। राजनीति करते हैं और हाय-तौबा मचाकर भूल जाते हैं। इसके लिए कोई कारगर समाधान नहीं ढूंढा जाता। भारत में किसानों की खराब हालत होने के कई कारण हैं। इसके बारे में समाज, राजनेता और हर व्यक्ति को सोचना चाहिए। जो सक्षम हैं उनकी मदद करने के लिए आगे आएं। यदि समस्या बड़ी है तो हमें मिलकर इसके लिए कोई हल निकालना चाहिए। भारत में राजनीति इतनी खराब है कि इसमें अच्छे लोग बहुत कम आते हैं या आते ही नहीं हैं। इसमें जो लोग गरीबों और किसानों के नाम पर वोट लेकर जीत जाते हैं फिर उन्हीं को भूल जाते हैं। गरीबों और किसानों को लगता है इस बार कुछ अच्छा होगा। भारतीय राजनीति में सुधार होना चाहिए। भारत के लोगों ने यह मान लिया है कि खेती से हम लाभ पा ही नहीं सकते हैं लेकिन इस सोच को बदलने की जरूरत है। किसानों को कृषि के बारे में जागरूक करें कि कैसे खेती से लाभ प्राप्तकर सकते हैं। भारत में कृषि जैसे विषयों से संबंधित टेक्नालाजी के बारे में पढ़ाना चाहिए। कृषि से व्यवसाय को जोड़ा जाए। इस बात को बताना चाहिए। भारत में ज्यादातर किसानों और मजदूरों के अशिक्षित होने के कारण उन्हें उचित प्रकार से शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। सरकारी स्कूलों के अध्यापक को शिक्षा देने में कोई रुचि ही नहीं होती है। उन्हें मोटीवेट किया जाए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। भारतीय किसानों को यह लगता है कि यह सरकार नहीं तो अगली सरकार उनके लिए कुछ अच्छा करेगी। ऐसी सोच का त्याग करें। आपकी किस्मत को केवल आप और आपका बेटा या बेटी बदल सकती हैं। इस समस्या का समाधान हो सकता है, बस सोच बदलने की जरूरत है। बच्चों को उचित शिक्षा दिलाएं। कम से कम एक बच्चे को इतना पढ़ाएं जिससे पूरे घर-गांव और समाज की सोच बदल दें। शिक्षा में बहुत शक्ति होती है। यह हर किसान को समझना होगा। भारत में सरकार काफी पैसा कृषि से संबंधित सरकारी केंद्रों के संचालन में लगाती है। इन केंद्रों के अफसर किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं देते हैं। ऐसे अफसर उलटे उन किसानों से फर्जी तरीके से धन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ये सरकारी अफसर हम और आप में से ही लोग होते हैं। हमें इतना सोचना चाहिए कि कोई किसान हमारे गलत निर्णय से आत्महत्या न कर लें। सरकार को जागरूक करने के साथ-साथ हमें खुद भी आगे आना होगा। किसानों को बैंक से संबंधित कार्यों की जानकारी देनी चाहिए। बैंक के लेन-देन की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश करें। किसानों के साथ ऐसी नीति अपनाएं जिससे उन्हें राहत मिल सके। इसमें किसी तरह की कोई भी राजनीति न होने पाए।