छात्र नेताओं ने फूंका जेएनयू प्रशासन का पुतला
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के हजारों छात्र पिछले 25 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने यहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों को शिक्षा के अधिकार से बेदखल करने के लिए बेतहाशा 300 फीशद फीस वृद्धि के साथ ही अलोकतांत्रिक छात्र विरोधी हास्टल नियमावली ड्रेस कोड और रात 11 बजे के बाद लाइब्रेरी में पढ़ने की आजादी को छीन लिया है।
जासं, आजमगढ़ : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के समर्थन में जनपद के छात्र नेता उतर आए हैं। मंगलवार को छात्र नेताओं ने डीएवी पीजी कालेज पर जेएनयू प्रशासन का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा।
कहा कि जेएनयू प्रशासन गरीब छात्रों को शिक्षा के अधिकार से बेदखल करना चाहता है। यहां बेतहासा 30 फीसद फीस वृद्धि कर दी गई है। इसके अलावा हास्टल नियमावली, ड्रेस कोड और रात ग्यारह बजे के बाद लाइब्रेरी में पढ़ने की आजादी छीन ली गई है। जेएनयू वीसी व भारत सरकार शिक्षा का दाम लगाकर शिक्षा का निजीकरण व व्यवसायीकरण कर रही है। जेएनयू में सस्ती शिक्षा पाने का सपना देश के करोड़ों छात्रों का है। नियमावली से तो 50 फीसद छात्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देंगे। कहा कि 11 नवंबर को इन छात्रों पर सरकारी आदेशानुसार लाठीचार्ज किया गया। इस कृत्य का हम सभी घोर निदा करते हैं। छात्र नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जायज मांगों पर विचार नहीं किया गया तो शीघ्र ही आंदोलन पूरे यूपी में फैल जाएगा। इस मौके पर शशि कुमार, शैलेश कुमार, मंजीत यादव आदि रहे।