भारतीय गोवंश पालन प्रोत्साहन योजना, होगी प्रतियोगिता
प्रदेश में भारतीय गोवंश के दुग्ध उत्पादन में निरंतर आ रही कमी के कारण अधिकतर किसानों और पशुपालकों द्वारा देशी गोवंश के पशुओं का पालन कम किया जा रहा है।
आजमगढ़ : प्रदेश में भारतीय गोवंश के दुग्ध उत्पादन में निरंतर आ रही कमी के कारण अधिकतर किसानों और पशुपालकों द्वारा देशी गोवंश के पशुओं का पालन कम किया जा रहा है। अब प्रदेश सरकार पशुपालकों को भारतीय गोवंश पालन के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित की योजना शुरू कर रही है।
शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि गोपाष्टमी पर देशी गोवंश के दुग्ध उत्पादन पर प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसमें सभी 22 विकास खंडों में दुग्ध दोहन प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता में केवल भारतीय गाय को ही शामिल किया जाना है। इस वर्ष नंद बाबा पुरस्कार भी रखा गया है। इसमें पशुपालकों को प्रथम पुरस्कार के रूप में 51 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 21 हजार एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 5100 रुपये भी मिल सकते हैं। जो दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की समितियों के सदस्य हों और प्रतिवर्ष 1500 लीटर देशी गाय का दूध संघ को दिए हों। संतुलित आहार देने की दी जाएगी जानकारी
आगामी 15, 16 एवं 17 नवंबर को गोपाष्टमी पर्व है। सरकार लोगों में देशी गाय के प्रति जागरूकता लाने के लिए अब इसे प्रतियोगिता का रूप दे रही है। दुग्ध दोहन प्रतियोगिता में दूध उतारने में आक्सीटोसीन से होने वाले नुकसान, स्वच्छ दुग्ध निकालना ,बीमारियों से संबंधित जानकारी और पशुओं को संतुलित आहार दिए जाने के संबंध में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर प्रतियोगिता को पूरे जोश के साथ मनाया जाना है। ब्लाकवार प्रतियोगिता की तिथि निर्धारित
गोपाष्टमी एवं दुग्ध दोहन प्रतियोगिता जिले के विकास खंडों में 15 नवंबर को अजमतगढ़, अतरौलिया, फूलपुर, मार्टीनगंज, लालगंज, मुहम्मदपुर व तरवां, 16 नवंबर को हरैया, कोयलसा, ठेकमा, पल्हनी, रानी की सराय, सठियांव और पवई एवं 17 नवंबर को बिलरियागंज, अहरौला, तहबरपुर, मेंहनगर, जहानागंज, मिर्जापुर, महराजगंज एवं पल्हना में आयोजित की जाएगी। जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों की होगी सहभागिता
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. वीके ¨सह ने बताया कि गोपाष्टमी एवं दुग्ध दोहन प्रतियोगिता पशुपालन विभाग एवं दुग्ध संघ विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगी। इसमें जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों की भी सहभागिता एवं सहयोग आवश्यक है।