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हमारे राग-अनुराग की भाषा है ¨हदी

आजमगढ़ : शहर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में ¨हदी दिवस पर शुक्रवार को विविध कार्यक्रमों क

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 12:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 12:00 AM (IST)
हमारे राग-अनुराग की भाषा है ¨हदी
हमारे राग-अनुराग की भाषा है ¨हदी

आजमगढ़ : शहर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में ¨हदी दिवस पर शुक्रवार को विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर में फाइन आर्ट सेंटर द्वारा जहां कला प्रदर्शनी आयोजित की गई, वहीं जगह-जगह निबंध, गोष्ठी व अन्य कार्यक्रम किए गए। ¨हदी दिवस के अवसर पर ¨हदी वर्णमाला के क, ख, ग से क्ष, त्र, ज्ञ के आधार पर इस वर्ष फाइन आ‌र्ट्स सेंटर द्वारा दो दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी 'व्यक्तित्व' आयोजित की गई है। सेंटर के 26 कलाकारों ने मिलकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, साहित्य, खेल, राजनीति व ़िफल्म जगत के प्रमुख व्यक्तियों के करीब 60 चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। इसका उद्देश्य कला के माध्यम से ¨हदी के प्रति समर्थन और लोगों में जागरूकता लाना है। फाइन आ‌र्ट्स सेंटर की निदेशक डा. लीना मिश्रा ने कहा कि कलाकार का धर्म केवल चित्र बनाना नहीं वरन चित्रों के माध्यम से सकारात्मक संदेश प्रेषित करना भी है। शाम पांच बजे चित्र-प्रर्दशनी का उद्घाटन जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने किया। उन्होंने कलाकारों को और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्य कलाकारों में श्रेया, रिया, स्वाति, साक्षी, अंशिका, जया, सहजप्रीत, शांभवी, अबीर, सलोनी, हर्षिता, सुषमा, वंशिका, शिवांगी, श्रद्धा, सद़फ, वर्तिका, दीक्षा, अंकिता, लावण्या, ऋषिका, अविकार, सुप्रिया, श्वेता स्मृति शामिल थीं। डा. कौशलेंद्र विक्रम मिश्र ने आभार प्रकट किया।

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लोक मनीषा परिषद के तत्वावधान में पंडित अमरनाथ तिवारी के राहुल नगर स्थित आवास पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। अध्यक्षता करते हुए अमरनाथ तिवारी ने कहा कि ¨हदी राष्ट्रभाषा का पक्ष पुराना है। पराधीन भारत में इसके महत्व की मांग होती रही। ¨हदी में निष्ठा रखने वाले देशप्रेमियों ने देश की एक भाषा ¨हदी को होने के लिए सत्याग्रह और आंदोलन किए। स्वाधीन भारत ने ¨हदी को राष्ट्रभाषा होना स्वीकार किया तभी से सरकारी, गैर सरकारी सरकारों व संगठनों ने 14 सितंबर को ¨हदी दिवस मनाना शुरू किए हैं। परिषद के अध्यक्ष जन्मेजय पाठक ने कहा कि यह ¨हदी भाषा ही है जिसके माध्यम से हम भारतवासी आज वैश्विक युग के जीवन में अपने उत्थान, विकास तथा तकनीकी के शीर्षस्तर पर खड़ा होने का साहस कर रहे हैं। भारत रक्षा दल के निशीथ रंजन तिवारी, भरत वर्मा, पद्माकर, राममिलन ¨सह, विजय प्रताप ¨सह, रघुवीर उपाध्याय, श्यामबिहारी राय, गनपत प्रजापति, सहदेव पांडेय उपस्थित थे।

डीएवी पीजी कालेज के स्नातकोत्तर ¨हदी विभाग में विभागाध्यक्ष एवं अखिल शोध-²ष्टि की संपादक डा. गीता ¨सह ने कहा कि ¨हदी भाषा के पास 25 लाख शब्दों का भंडार है। यह विश्व के 115 देशों में उच्च शिक्षा के रूप में पढ़ाई जा रही है। यह हमारी मातृभाषा हमारी अस्मिता से जुड़ी है। यह हमारे आत्मसम्मान की भाषा है। दिनोंदिन इसका संवर्धन हो रहा है। इस पर हमें गर्व है। डा. इंदु श्रीवास्तव ने बताया कि ¨हदी की पाचन शक्ति बड़ी प्रबल है। वह अन्य भाषाओं के शब्द को ऐसे आत्मसात कर लेती है जैसे उसके स्वयं के हों। यह एक वैज्ञानिक भाषा है। इसमें रोजगार के भी अनेक अवसर हैं। इस अवसर पर संजय यादव एवं रविशंकर यादव ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर ऊषा गोंड, अंजना गोड निलेश, अंजनी यादव, मयंका प्रियदर्शी, रविशंकर यादव, सुनंदा कुमारी उपस्थित थीं। इसी प्रकार वेदांता इंटरनेशनल स्कूल सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर बच्चों ने ¨हदी साहित्य के रचनाओं को पढ़ा व ¨हदी व्याख्यान भी दिया। बच्चों ने विभिन्न प्रकार के नाट्य मंचन व कहानियों के माध्यम से ¨हदी का महत्व व उसकी वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। मुख्य अतिथि पूर्व श्री दुर्गा जी महाविद्यालय चंडेश्वर के प्राचार्य डा. वेद प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि ¨हदी हमारी राग-अनुराग की भाषा है। यह हमारे देश के जन जन के कंठ की भाषा है। विद्यालय के प्रबंध निदेशक शिव गो¨वद ¨सह ने मुख्य अतिथि को प्रतीक चिह्न व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया व आभार व्यक्त किया।

बूढ़नपुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें बच्चों ने वाद-विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठ, निबंधक लेखन में भाग लिया। विजय ¨सह ने कहा कि जापान और चीन की तरह हम भी अपनी मातृभाषा ¨हदी में तकनीकी ज्ञान देकर और आगे बढ़ सकते हैं। इस अवसर पर राधेश्याम वर्मा, अरुण ¨सह, संजय कुमार, सुधीर पांडे, मनीष मोहन, वीरेंद्र शुक्ला उपस्थित रहे।

निजामाबाद प्रतिनिधि के अनुसार ¨हदी दिवस पर याद किए गए कवि सम्राट अयोध्या ¨सह उपाध्याय हरिऔध साहित्य प्रेमियों ने मनाया ¨हदी दिवस। नगर के बाहर तिराहे पर लगी उपाध्याय की प्रतिमा पर साहित्य प्रेमी ने पहुंचकर माल्यार्पण किया। भाजपा के पूर्व जिला मंत्री संतोष कुमार गोंड ने कहा कि ¨हदी भाषा के विकास में हरिऔध जी का विशेष योगदान रहा है।

फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार ¨हदी दिवस के अवसर पर लोहिया बालिका विद्यालय में ¨हदी गोष्ठी का आयोजन छात्राओं द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य ने कहा कि ¨हदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें जो लिखा जाय वही बोला भी जाता है। ¨हदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें बहुत सारी विधा है। गोष्ठी को नेहा प्रजापति, संजू ज्योति, अपूर्वा, नेहा यादव, नीलू, क्षमा ¨सह, ओंकार लाल, प्रेमचंद यादव, विजय कुमार लालमणि आदि थे।


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