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बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क

आजमगढ़ बाढ़ की वजह से खेत फसल व घास आदि डूबी हुई हैं। बाढ़ का पानी खत्म होते ही जगह-जगह जलजमाव एवं फसलों व घास की सड़न से तमाम प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बीमारियों पर पहले से नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग अभी से सतर्क हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 04:51 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 04:51 PM (IST)
बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य महकमा सतर्क

जासं, आजमगढ़ : बाढ़ की वजह से खेत, फसल व घास आदि डूबी हुई हैं। बाढ़ का पानी खत्म होते ही जगह-जगह जलजमाव एवं फसलों व घास की सड़न से तमाम प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बीमारियों पर पहले से नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग अभी से सतर्क हो गया है। नदी के पानी से घिरे गांव का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। नदी का जलस्तर कम होते ही प्रभावित क्षेत्र में दवाओं का छिड़काव शुरू किया जाएगा।

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घाघरा नदी में हर वर्ष बाढ़ आने से कृषि योग्य भूमि एवं फसल डूब जाती हैं। देवारा क्षेत्र में दवाओं का छिड़काव के लिए हर वर्ष स्वास्थ्य विभाग सतर्क रहता है लेकिन इस बार ज्यादा बारिश होने से तमसा सहित सभी छोटी नदियां, पोखरी व ताल भर गए हैं। इधर दो दिनों से बारिश बंद होने से नदियों का जलस्तर नीचे जा रहा है। ऐसे में डूबी फसलों में सड़न की वजह से बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बाढ़ग्रस्त का भ्रमण कर डाटा तैयार कर रहे हैं। बाढ़ का पानी नीचे जाते ही क्षेत्र में दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके मिश्र ने बताया कि दवाओं के छिड़काव के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सीएचसी व पीएचसी में दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का बराबर भ्रमण किया जा रहा है।


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