हरियाणा के इंजीनियरों ने किया राजघाट का सर्वे
जागरण संवाददाता आजमगढ़ तमसा नदी के किनारे राजघाट शमशान पर सबकुछ ठीक रहा तो आ
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : तमसा नदी के किनारे राजघाट शमशान पर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में शवदाह के लिए लकड़ी का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। शवदाह के लिए यहां एलपीजी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्लांट लगाने के लिए मंगलवार को हरियाणा के फरीदाबाद स्थित ओम साई स्वरहंत्र प्राइवेट लिमिटेड से आए इंजीनियरो ने राजघाट का सर्वे किया।
एलपीजी गैस आधारित शवदाह गृह स्थापित करने में 26 लाख का खर्च आएगा। पैसे का इंतजाम सामाजिक संगठन भारत रक्षा दल को करना है। संगठन के पास फिलहाल उतना धन तो नहीं है, लेकिन दावा है कि संपन्न लोगों ने मदद देने का भरोसा दिलाया है। इसलिए 26 लाख चुटकियों में एकत्र हो जाएंगे।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरिकेश विक्रम श्रीवास्तव व जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू ने संयुक्त रूप से बताया कि प्लांट के लगने के बाद वायु प्रदूषण रोकने में मदद मिलने के साथ वृक्षों की कटान पर भी रोक लगेगी। साथ ही दाह संस्कार में तीन घंटे की जगह आधा से एक घंटा लगेगा।
सर्वे करने आई टीम के मुख्य अभियंता वीपी मौर्या ने भारत रक्षा दल के पदाधिकारियों को मशीन की उपयोगिता, संचालन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मशीन से एक शव को जलाने में 40 मिनट का समय और 14 किग्रा गैस खर्च होगी।
हरिकेश ने बताया कि संगठन ने योजना तैयार कर ली है और शीघ्र ही इस पर काम शुरू कर देंगे। निर्माण में बड़ी लागत आनी है, लेकिन खुशी है कि जिनसे भी चर्चा की गई उन सभी लोगों ने सहयोग का आश्वासन दिया है। सर्वे के दौरान द्वारकाधीश पांडेय, रवि प्रकाश, सुनील वर्मा, दुर्गेश श्रीवास्तव, मनोज, धनंजय अस्थाना, जावेद अंसारी, रामेश्वर प्रसाद, नसीम अहमद आदि थे।