पीएम आवास में किश्त जारी करने के नाम पर धांधली
आजमगढ़ : प्रधानमंत्री आवास निर्माण में धांधली रोकने के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। अफसरों क
आजमगढ़ : प्रधानमंत्री आवास निर्माण में धांधली रोकने के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। अफसरों की ओर से लगातार मानीटिरंग भी हो रही है। इसके बावजूद भ्रष्टाचार की शिकायतें नहीं रुक रहीं हैं। पात्र लाभार्थियों का कहना है कि सर्वे के नाम पर लूट मची हुई है। पहली किश्त जारी कर दी जा रही है तो दूसरी किश्त के लिए दौड़ाया जा रहा है। दूसरी किश्त के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं। पैसे नहीं देने पर किश्त जारी नहीं की जा रही है।
निजामाबाद नगर पंचायत के वार्ड नंबर छह उंचवा मोहल्ले में एक ही परिवार के सुंदर रावत पुत्र राम लखन, सुधीर रावत पुत्र राम लखन, रवि कुमार पुत्र राम लखन का आवास के लिए चयन हुआ। पहली किश्त के रूप में इन लोगों का 50-50 हजार रुपये मिले। किसी तरह आधा अधूरा निर्मित मकान का सर्वे व फोटो देने के बाद भी अभी तक दूसरी किश्त नहीं मिली। इन लोगों का आरोप है कि सुविधा शुल्क न देने से दूसरी किश्त नहीं आ रही है। आवास योजना के पैसे के भरोसे दुकानदारों से उधार लिया था। अब पैसे न मिलने से कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है। इसी परिवार के घुरहू पुत्र राम लखन जो पूरी तरह से पात्र हैं। उनका कहना है कि नगर पंचायत में आवास के लिए चार बार आवेदन किया था लेकिन अब तक कोई सूचना नहीं मिली और न ही सूची में नाम ही आया। पात्रों का कहना है कि सबसे पहले हम लोगों को आवास मिला था। जिसको बाद में मिला उसका आवास बनकर तैयार हो गया। जिन्होंने सुविधा शुल्क दिया उसका मकान बन गया। हम लोग सुविधा शुल्क नहीं दे सके इसलिए अब तक मकान अधूरे पड़े हैं।
इस संबंध में परियोजना अधिकारी डूडा डा. महेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस तरह की शिकायत मेरे पास नहीं आई है। शिकायतकर्ता अगर लिखित शिकायत देते हैं तो उसकी जांच कर संबंधित के खिलाफ अवश्य कार्रवाई की जाएगी। आवास के लिए पात्रता
-व्यक्ति की सालाना कुल पारिवारिक आय ज्यादा से ज्यादा तीन लाख रुपये होनी चाहिए।
-तीन लाख सालाना से ज्यादा पाने वाले व्यक्ति इसके पात्र नहीं होंगे।
-किसी व्यक्ति के घर या मकान कहीं भी हैं या वे श्रेणी के अपात्र हैं
-पात्र लाभार्थी के पास अपनी जमीन हो लेकिन मकान नहीं।
-ढाई लाख सरकार देगी अनुदान।
-शेष राशि लाभार्थी को स्वयं करना होगा इंतजाम।
-आवास निर्माण के लिए प्रथम किश्त 50 हजार रुपये।
-सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी धनराशि।
-आवेदन पत्र सत्यापन के बाद ही शासन से स्वीकृति।