भूगर्भ जल के दोहन से क्रिटिकल जोन में आए चार ब्लाक
क्रिटिकल जोन में आए चार ब्लाक
जासं, आजमगढ़ : बेतहाशा दोहन और मानसून की बेरुखी के चलते भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसकी वजह से शहर में अभी से जल संकट गहराने लगा है। देहात में भी हालात गंभीर हैं। 22 विकास खंडों में से सठियांव व पल्हनी ब्लॉक पहले ही डार्क जोन में हैं। इनमें भी रानी की सराय, तहबरपुर, मिर्जापुर व अजमतगढ़ ब्लॉक क्रिटिकल जोन में चले गए हैं। कुछ इलाकों में जिस तेजी से भूजल में गिरावट आई है, उससे गर्मी के दिनों में पेयजल संकट के हालात और बदतर होने की आशंका जताई जा रही है। जिले में भूगर्भ जल का दोहन इतना अधिक है कि बरसात का पानी इसकी भरपाई नहीं कर पा रहा है। कड़वी हकीकत बयां कर रहे भूगर्भ विज्ञान विभाग के आंकडे़
भूगर्भ विज्ञान विभाग के आंकडे़ कड़वी हकीकत बयां कर रहे हैं। भूगर्भ जल विभाग का कहना है कि प्रतिवर्ष 20 सेमी भूजल में गिरावट हो रही है। यदि ऐसा ही रहा तो लोगों का पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना तय है। भूगर्भ विभाग से जुड़े जिम्मेदार लोगों का कहना है कि क्रिटिकल ब्लाक में आने वाले ब्लाकों में शीघ्र जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि लोगों को सावधान किया जा सके। सतर्कता से डार्क जोन में जाने से ये ब्लाक बच सकते हैं। गहरी बो¨रग आदि पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। वॉटर लेवल गिरने की वजह
-सैकड़ों तालाब, कुंड पाटे जाने से वॉटर लेवल तेजी से जा रहा नीचे।
-सप्लाई पाइप लाइन से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद।
-भूजल स्तर का जितना दोहन हो रहा उतना सरंक्षण नहीं ऐसे बचाएं पानी
-वाहन को धूल और गंदगी से बचाने के लिए कवर यूज करें।
-रोजाना डस्ट क्लीनर ब्रश यूज करे।
-शॉवर चालू करके नहाने से बचें।
-घर में स्टोरेज टैंक बनाएं, वेस्ट पानी को गार्डेन में लगे पेड़-पौधों में प्रयोग कर सकते हैं।
-नल की धार हमेशा पतली रखें, टपकते नलों को तुरंत ठीक कराएं।