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उत्तराखंड में बाढ़, जिले में उफना रहीं सरयू

- दुश्वारियां - जलस्तर बढ़ने का क्रम जारी लेकिन धीमी हुई रफ्तार - आधा दर्जन संपर्क मार्गो

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:25 PM (IST)
उत्तराखंड में बाढ़, जिले में उफना रहीं सरयू

- दुश्वारियां

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- जलस्तर बढ़ने का क्रम जारी, लेकिन धीमी हुई रफ्तार

- आधा दर्जन संपर्क मार्गो पर जलजमाव, बढ़ीं मुश्किल जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़) : नेपाल और उत्तराखंड में आई बाढ़ का साइड इफेक्ट आजमगढ़ को झेलना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी से सरयू से आई उफान के कारण ऐसा हुआ है। बांधों में जमा पानी छोड़े से जाने से सरयू नदी का पिछले तीन दिनों से बढ़ रहा जलस्तर शनिवार को खतरा निशान को पार कर गया। रविवार को नदी का जलस्तर खतरा निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंचने से देवारा के लोगों की नींद फिर से उड़ गई है। हालांकि, दुश्वारियों के बीच जलस्तर में वृद्धि तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा के बजाए एक सेमी. रह जाना भी राहत देने वाली रही।

बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक आगामी 24 घंटे में नदी के जलस्तर में गिरावट शुरू हो जाएगी। सगड़ी तहसील के उत्तरी भूभाग में प्रवाहित सरयू नदी में बनबसा और कर्तनिया बैराज से छोड़े गए पानी का प्रभाव गुरुवार को ही दिखाई देने लगा था। दो दिन नदी में उफान के चलते देवारा क्षेत्र के सोनौरा,चक्की हाजीपुर,भदौरा, शिवपुर के संपर्क मार्गों पर पानी फैल गया है। बाढ़ के पानी से बगहवा, भदौरा, साधु का पूरा, बाड़ू का पूरा, देवारा खास राजा, अचल नगर, इस्माइलपुर, रोशनगंज सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गत जून माह से सरयू नदी में पानी बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो वह अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह तक बदस्तूर रहा। सरयू की उफान में सैकड़ों एकड़ लहलहाती धान की फसल कट कर नदी की धारा में विलीन हो गई,तो बगहवा के 10 लोगों के मकान भी तेज धारा में कटकर नदी में समा गए। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह नदी का जलस्तर तलहटी में चला गया तो देवारा के लोगों में आस जगी थी कि अब बाढ़ की विभीषिका से निजात मिल जाएगी। लेकिन पहाड़ों पर हो रही बारिश के पहले दिन 65 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। शुक्रवार और शनिवार को नदी में बढ़त जारी रही। रविवार को नदी खतरा बिदु पारकर 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है शनिवार को नदी का जलस्तर बदर हुआ नाले पर71.92 मीटर था। रविवार को नदी का जलस्तर 72.24 मीटर पहुंच गया। बाढ़ खंड के अधिशासी अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि नदी में पानी बढ़ने से फिलहाल कोई खतरा नहीं है। विभाग के लोग पूरी तरह से बाढ़ बाध पर नजर बनाए हुए हैं।


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