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पौधों के बताएं प्रभाव तो बढ़ेगा रोपण के प्रति रुझान

जागरण संवाददाता आजमगढ़ वानिकी को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी विसंगति पौधारोपण के प्रति जागरूकता का अभाव है। इसके लिए समाज के जिम्मेदारों को आगे आना होगा। जीवन में पौधों के प्रभाव के बारे में बताना होगा। तमाम ऐसे लोग और संस्थाएं हैं जिनकी बातों का असर समाज पर पड़ता है। हमें यह भी बताना होगा कि अगर आपके घर में जगह नहीं है तो नहर के किनारे सड़क के किनारे अथवा जहां कहीं जगह मिले उस पर पौधारोपण कर सकते हैं। सरकारी नीतियां साल भर में एक बार पौधारोपण अभियान चलाकर शांत होने वाली हैं जो आम आदमी को अभियान से नहीं जोड़ पातीं। शहर के कई चिकित्सक हैं जो अपने मरीजों को उपहार स्वरूप पौधा भेंट करते हैं कुछ ऐसे हैं जो

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 08:07 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 08:07 PM (IST)
पौधों के बताएं प्रभाव तो बढ़ेगा रोपण के प्रति रुझान
पौधों के बताएं प्रभाव तो बढ़ेगा रोपण के प्रति रुझान

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : वानिकी को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी विसंगति पौधारोपण के प्रति जागरूकता का अभाव है। इसके लिए समाज के जिम्मेदारों को आगे आना होगा। जीवन में पौधों के प्रभाव के बारे में बताना होगा। तमाम ऐसे लोग और संस्थाएं हैं जिनकी बातों का असर समाज पर पड़ता है। हमें यह भी बताना होगा कि अगर आपके घर में जगह नहीं है तो नहर के किनारे, सड़क के किनारे अथवा जहां कहीं जगह मिले उस पर पौधारोपण कर सकते हैं। सरकारी नीतियां साल भर में एक बार पौधारोपण अभियान चलाकर शांत होने वाली हैं जो आम आदमी को अभियान से नहीं जोड़ पातीं। शहर के कई चिकित्सक हैं जो अपने मरीजों को उपहार स्वरूप पौधा भेंट करते हैं, कुछ ऐसे हैं जो उसके रोपण की फोटो दिखाने पर फीस नहीं लेते। इस तरह का प्रयास निजी विद्यालयों या अन्य संस्थाओं में भी किया जाए तो उसका बेहतर परिणाम सामने आ सकता है। जैसे कोई विद्यालय तय कर दे कि पौधा लगाने के बाद अगर कोई छात्र उसकी साल भर सेवा करता है तो एक महीने की फीस नहीं लेंगे। कोचिग संचालक आदि भी ऐसा कर सकते हैं।

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डीएवी पीजी कालेज के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. सुभाष श्रीवास्तव कहते हैं कि बहुत पहले की बात है जब नागपुर स्थित कोइलरी में था। वहां नींम का पौधा लगाता था और उस पर आसपास के लोगों का नाम लिखवाता था तो भी सुबह पता चलता था कि आदिवासी उखाड़कर दातून कर लिए। समझ में नहीं आया कि क्या करूं तो आदिवासियों को बताया कि किस पौधे से परिवार पर क्या असर पड़ता है। उसके बाद आदिवासियों ने पौधा उखाड़ना बंद ही नहीं कर दिया, उसका संरक्षण भी शुरू कर दिया। जाहिर सी बात है कि हमें पौधों की महत्ता के बारे में लोगों को बताना होगा। ग्रह के जानकार भी आगे आकर बताएं कि किस पौधे के लगाने से किस ग्रह की शांति होगी तो लोगों की जागरूकता और भी बढ़ सकती है। मतलब स्पष्ट है कि हर विधा के लोगों को पौधारोपण के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए आगे आना होगा।


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