धुंध में फर्राटा भरिए पर हेडलाइट संग फॉग लाइट भी जलाइए
जिले में घटित होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में देखा जाए तो कोई छह माह का बच्चा अपना पिता खो दे देता है, तो कोई विवाहिता बीस साल की उम्र में ही विधवा हो जाती है। किसी मां की कोख उजड़ जाती है तो किसी पिता के बुढ़ापे की लाठी छीन जाती है।
आजमगढ़ : आए दिन सड़क दुर्घटना। इस घटना में किसी मां की कोख उजड़ जाती है तो किसी पिता के बुढ़ापे की लाठी छिन जाती है। कुछ अनहोनी को छोड़ दें तो जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। उसमें ज्यादातर यातायात नियमों की लापरवाही से ही होती है। यातायात नियम यदि सख्ती से लागू किए जाएं तो अधिकतर घटनाओं को रोका जा सकता है।
पब्लिक की सतर्कता के अभाव में अन्य जिलों की अपेक्षा जनपद में यातायात नियमों का उल्लंघन ज्यादा है। यह सब कुछ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की लचीलेपन से हो रहा है। सड़क दुर्घटनाओं के लिए हम सब भी जिम्मेदार हैं। यातायात नियमों का पालन कराना तभी संभव हो सकता है जब हम सभी इसके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए दूसरे को भी यातायात के बारे में जागरूक करें। सड़क दुर्घटनाओं की ज्यादातर घटनाएं ठंड के मौसम में पड़ने वाली धुंध के ही चलते होती है। धुंध में सावधानी से वाहन चलाने और यातायात के नियमों का पालन करने मात्र से ही सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। एसपी ग्रामीण एनपी ¨सह ने कहा कि कोहरे में वाहन चलाते समय वाहन की हेडलाइट को हाईबीम में न रखें। ऐसा करने से रोशनी बिखर जाती है और सामने से कुछ नजर नहीं आता। हेडलाइट को लो बीम में रखें, इससे देखने में आसानी होगी और सामने वाले को भी वाहन की सही स्थिति का पता चल सकेगा। सड़क किनारे बनी पीली-सफेद लाइन को देखकर गाड़ी आसानी से चलाई जा सकती है। धुंध में अपने वाहन को आगे वाले से ओवरटेक न करें। धुंध में सड़क भी गीली रहती है, इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना उचित है। मुड़ने से पहले इंडीकेटर दें, जिससे दूसरी गाड़ी के चालक को गति नियंत्रित करने का समय मिल जाए। सभी वाहन चालक अपने वाहन में फॉग लाइट आवश्यक तौर पर लगवाएं। ये धुंध को काटने में मददगार साबित होती है। हेडलाइट बंद करके सिर्फ फॉग लाइट जलाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि दूर से आने वाले वाहन चालक को फॉग लाइट दिखाई नहीं देती है।
उन्होंने कहा कि धुंध हो तो चालक अपने वाहन को तेज गति में न चलाए। धीमी गति में वाहन चलाकर स्वयं के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। धुंध के समय आगे चल रहे किसी वाहन को ओवरटेक न करें। वाहन मालिक एवं चालक अपने वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगवाएं। ट्रक, बस, ट्रैक्टर ट्राली को किसी भी ढाबे के पास अपने वाहन को सड़क के किनारे व सड़क पर न खड़ा करें। वाहन को यदि सड़क किनारे खड़ा करना पड़े तो भी उसके इंडिकेटर चालू रखें एवं पार्किंग लाइट जलाकर रखें। वाहन खराब होने की स्थिति में उसके आगे व पीछे कोने में आग जलाकर या रोशनी कर रखें, ताकि दूर से आने वाले वाहन चालक समझ सके कि आगे वाहन खड़ा है। गैर कानूनी तरीके से सड़कों पर फर्राटा भर रहीं ट्रैक्टर ट्रालियां
मोटर अधिनियम एक्ट में ट्रैक्टर ट्राली कृषि उपयोग के लिए है। इसे शहर के अंदर, हाईवे की सड़क या कहीं भी चलाना नियम के विपरीत है। इसके बाद भी जिले के शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों की सड़कों पर ट्रैक्टर ट्रालियों को सड़कों पर धड़ल्ले से फर्राटा भरते देखा जा सकता है। कृषि कार्य के अलावा गिट्टी, बालू, सीमेंट, सरिया, मिट्टी समेत अन्य सामान लोड कर ट्रैक्टर ट्रालियां सड़कों पर खुलेआम चल रहीं हैं। इन्हें रोकने व टोकने वाला कोई नहीं होता है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी संभागीय परिवहन विभाग या ट्रैफिक पुलिस को नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी उनकी चुप्पी से ट्रैक्टर चालकों के हौसले बुलंद हैं। लाइसेंस देते वक्त बरतें सावधानी
हादसों में अपनों को खो देने वाले बहुतायत लोगों का कहना है कि चार पहिया वाहन का ड्राइ¨वग लाइसेंस देते वक्त परिवहन विभाग को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए। महज कागजी कोरम पूरा करने से दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। 15 दिन के स्पेशल प्रशिक्षण के बाद ही लाइसेंस जारी होना चाहिए। बहुतायत लोग आज भी जुगाड़ से लाइसेंस ले लेते हैं। ऐसे लोगों को ट्रैफिक नियम का पता नहीं होता है। यह अपनी जान के संग दूसरे की जान ले लेते हैं। ट्रैक्टर वास्ते भी सख्ती से लाइसेंस की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। ''जीवन अनमोल है। जरा सी लापरवाही में जान जा सकती है और नियमों के उल्लंघन पर कानून के शिकंजे में फंस सकते है, इसलिए जरूरी है कि गाड़ी को ड्राइव करने से पूर्व आवश्यक कागजात, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करना न भूलें। यातायात की जागरूकता बड़ी समस्याओं से निजात दिला सकती है। कार की अगली सीट पर छोटे बच्चों को न बैठाएं, अगर बैठा रहे हैं तो सीट बेल्ट लगाना न भूलें। यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों का चालान के साथ ही उनसे जुर्माना भी वसूल किया जाता है। ओवरलो¨डग कर चलने वाले वाहनों को सीज भी किया जाता है।''
-अभिषेक ¨सह, यातायात सब इंस्पेक्टर, आजमगढ़।