जांच में दोषी लिपिक की नहीं मिली आख्या, खतरे में नौकरी
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नगर पालिका मुबारकपुर में अनियमित तरीके से लिपिक की नियुक्ति
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : नगर पालिका मुबारकपुर में अनियमित तरीके से लिपिक की नियुक्ति के मामले में नया मोड़ सामने आ गया है। जांच में दोषी मिले लिपिक की नियुक्ति अवैध हो जाने के बावजूद नगर पालिका की ईओ ने लिपिक की आख्या उपलब्ध नहीं कराई। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. अर्चना ¨सह ने ईओ को एक सप्ताह का मौका दिया है और कहा है कि एक सप्ताह के अंदर आख्या उपलब्ध नहीं हुआ तो उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। यदि उच्च न्यायालय में लिपिक रागिब मसूद द्वारा रिट योजित किया जाता है कि बिना मेरा पक्ष जाने जांच अधिकारी द्वारा मेरी नियुक्ति को अनियमित होने की जांच आख्या प्रस्तुत की गई है तो इसकी जिम्मेदारी ईओ की होगी।
जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी कि नगर पालिका मुबारकपुर में कार्यरत लिपिक रागिब मसूद की नियुक्ति अवैध है। इस आधार पर अर्थ एवं संख्या अधिकारी ने इसकी जांच की थी। जांच में उनकी नियुक्ति में गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद बीते 12 मार्च को नगर पालिका के ईओ को रागिब मसूद के वांछित अभिलेख एवं जांच से संबंधित इंगित महत्वपूर्ण ¨बदुओं पर आख्या, अपेक्षित सूचना तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया। बावजूद आख्या उपलब्ध नहीं कराया गया। आदेश में पूरी तरह से स्पष्ट है कि रागिब मसूद की उर्दू अनुवादक पद पर हुई नियुक्ति को निरस्त करने पर उनकी नियुक्ति शून्य हो गई थी। रागिब मसूद की उर्दू अनुवादक पद पर हुई नियुक्ति को किसी शासनादेश, नियमावली के अंतर्गत समायोजित न करके कनिष्ठ लिपिक कैशियर के पद पर सीधे नियुक्ति प्रदान की गई है। नगर पालिका द्वारा कनिष्ठ लिपिक के पद पर भर्ती हेतु बगैर विज्ञप्ति समाचारों में प्रकाशित कराएं एवं बगैरा विहित चयन प्रक्रिया का पालन किए सीधे रागिब मसूद को कनिष्ठ लिपिक पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। जांच अधिकारी की मानें तो अब रागिब मसूद पर पूरी तरह से कार्रवाई की तलवार लटक रही है। आज ही जांच आख्या से संबंधित पत्रावली व साक्ष्य जांच अधिकारी डा. अर्चना ¨सह को भेज दी गई है। पत्रावली ढूंढने में समय लगता है। इसलिए थोड़ा विलंब हुआ है।
सरिता ¨सह, ईओ नगर पालिका मुबारकपुर।