कोरोनाकाल में बेसिक शिक्षा की अस्त्र बन गई दीक्षा
जासं आजमगढ़ कोरोना काल में जब बच्चों की स्कूलों में आमद पर सख्त पाबंदी है ऐसे दौर में बच्चों की शिक्षा के लिए दीक्षा एप बड़ा अस्त्र बनकर उभरी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने अब इस ऐप के जरिए बेसिक शिक्षा को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लगभग लांच ही कर दिया है। पिछले कई महीनों से इस मोबाइल ऐप को शिक्षकों के अलावा अभिभावकों के स्मार्टफोन में डाउनलोड कराने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि बच्चों की इसकी डिजिटल सामग्री का लाभ मिल सके और वह अपनी पढ़ाई कर सके।
जासं, आजमगढ़ : कोरोना काल में जब स्कूलों में बच्चों के आने पर सख्त पाबंदी है, ऐसे दौर में उनकी शिक्षा के लिए दीक्षा एप बड़ा अस्त्र बनकर उभरी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने अब इस ऐप के जरिए पढन-पाठन को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लगभग लांच ही कर दिया है। पिछले कई महीनों से इस मोबाइल ऐप को शिक्षकों के अलावा अभिभावकों के स्मार्टफोन में डाउनलोड कराने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि बच्चों की इसकी डिजिटल सामग्री का लाभ मिल सके और वह अपनी पढ़ाई कर सके।
दीक्षा एप का दायरा पिछले कई माह में बढ़ गया है। यह मोबाइल एप अपनी लाचिग के साथ ही बेसिक शिक्षा का अनिवार्य अंग बन गया था। सभी कक्षाओं की किताबों में दिए गए क्यूआर कोड (त्वरित प्रतिक्रिया संकेतावली) के जरिए पाठ्यक्रम से संबंधित आडियो व विजुअल सामग्री बच्चों को दिखाई व सुनाई जाती थी। कोरोना के प्रकोप के चलते जब स्कूल बंद हो गए तो स्कूली शिक्षा महानिदेशक व अन्य उच्च अधिकारियों ने बच्चों की पढ़ाई घर पर सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों की ऑनलाइन क्लास के अलावा दीक्षा एप का प्रयोग करने का फैसला किया। तय किया गया कि अभिभावकों के स्मार्टफोन पर भी इसे डाउनलोड कराया जाए जिससे बच्चों को घर बैठे सभी विषयों की पाठ्य सामग्री मिल सके।
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बच्चों की भाषा, कैलेंडर से गणित व उपचारात्मक शिक्षण जैसे ट्रेनिग प्रोग्राम दीक्षा एप के जरिए ही कराए जा रहे हैं। इस दौर में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क, स्मार्टफोन की उपलब्धता जैसी व्यवहारिक समस्याएं भी हैं। - अमरनाथ राय, प्रभारी बीएसए।