गायें अब बछिया ही जनेंगी, बेसहारा पशुओं से मिलेगा छुटकारा
जनपद के पशुपालकों के लिए राहत की खबर। छुट्टा बछड़ों से छुटकारा के अलावा अब उनकी मुराद पूरी होगी। वह चाहेंगे तो उनकी गाय बछिया ही जनेंगी। बारांबकी में इस पॉयलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद आजमगढ़ में भी लागू करने की पहल शुरू हो गई है।
आजमगढ़ : जनपद के पशुपालकों के लिए राहत भरी खबर। बछड़ों से छुटकारा के अलावा अब उनकी मुराद भी पूरी होगी। वे चाहेंगे तो उनकी गायें अब बछिया ही पैदा करेंगी। बाराबंकी में इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे आजमगढ़ में भी लागू करने की पहल शुरू हो गई है। पशुपालन विभाग ने सेक्स सोल्टोस सीमेन की मांग पशुधन विकास परिषद लखनऊ से की है। इसकी उपलब्धता के बाद पशुपालकों के मन की मुराद पूरी हो जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट में तीन जिलों का चयन किया गया था। इसमें इटावा व लखीमपुर के अलावा बाराबंकी शामिल था। बाराबंकी में उच्च गुणवत्ता के सीमेन में 98.8 फीसद सफलता के बाद पशुपालन विभाग ने 2000 डोज की मांग पशुधन विभाग परिषद लखनऊ से की है। सीमेन का नाम सेक्स सोल्टोस सीमेन रखा गया है। अब पशुपालन विभाग 30 रुपये प्रति पशु कृत्रिम गर्भाधान कर रहा था, लेकिन नस्ल सुधार योजना के तहत आने वाले इस नए सीमेन की कीमत उपलब्धता के बाद निर्धारित की जाएगी। बहरहाल, लखनऊ से इसकी उपलब्धता पशुधन विकास परिषद की वाराणसी शाखा पर आने के बाद ही हो सकेगी। ''गायें अब बछड़ा नहीं, बल्कि बछिया ही जन्म देंगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने बाराबंकी समेत तीन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना लागू की थी। बाराबंकी में इसके लगभग शत-प्रतिशत सफलता के बाद आजमगढ़ के लिए भी दो हजार डोज की मांग पशुधन विकास परिषद लखनऊ से की गई है। वैसे तो अब तक कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रति पशु 30 रुपये लिया जाता है लेकिन सेक्स सोल्टोस सीमेन की कीमत आने के बाद पता चल सकेगा।''
-डा. एसपी ¨सह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, आजमगढ़।