कंपनियों का आया बुलावा, कामगारों ने पकड़ी सूरत की राह
लॉकडाउन में कंपनियां बंद होने के बाद दो माह पूर्व लौटे अपने-अपने गांव कामगारों को अब कंपनियों का बुलावा आने लगा है। कामगारों को बकायदे कंपनियां टिकट बनवाकर उन्हें भेज रही हैं। रविवार की सुबह रेलवे स्टेशन पर बैठकर दर्जनों कामगार सूरत जाने के लिए ताप्तीगंगा एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रधानमंत्री का जान भी जहान भी का आह्वान जमीन पर उतरने लगा है। कंपनियों ने कामगारों को बुलावा भेजना शुरू किया तो मजदूर उसे स्वीकारने भी लगे। रविवार को रेलवे स्टेशन पर सूरत जाने के लिए कामगारों का रेला उमड़ा था। उनसे बातचीत की गई तो पता चला कि सूरत से उनकी कंपनियों ने बुलावा संग टिकट भी भेजा है। चूंकि कोरोना के बीच में रहकर ही काम करना सीखना है, इसलिए हमने फिर से काम पर लौटने का निर्णय लिया है।
रविवार की सुबह रेलवे स्टेशन दर्जनों कामगारों की मौजूदगी के कारण गुलजार रहा। मजदूर सूरत जाने के लिए ताप्तीगंगा एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान प्रतिबंध लगने से कंपनियां बंद हो गईं थीं। अब कंपनियों के खुलने से कामगारों की किल्लत होने लगी है। ऐसे में कंपनियां टिकट बनवाकर उनके पते पर भेज रही हैं। मजदूर प्रतिबंध लगने के बाद भी सुबह ही स्टेशन पर पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि रास्ते में आते समय पुलिस ने रोका भी था लेकिन टिकट दिखाने पर छोड़ दिये।
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कामगारों की जुबानी:::
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-कंपनियां खुल गई हैं। मालिक ने सूरत से हम लोगों का टिकट बनवाकर भेजा है। हमारा छह लोगों का ग्रुप है। आज सभी लोग जा रहे हैं। वहां चंदन स्टोर प्लांट में काम करते हैं।-पिकू सिंह, अंबेडकरनगर।
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-कंपनी से पांच दिन पूर्व कोरियर आया, जिसमें ट्रेन का टिकट और एक पत्र था। उसमें लिखा था कि जेके-5 कंपनी खुल गई है। तुम लोग सूरत लौट आओ। बस हम लोग चल दिए।
-निसार अंबेडकरनगर।
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मेरे मित्र ने फोन पर बताया कि कंपनी बुला रही है। उस समय मेरे पास टिकट नहीं था, लेकिन दूसरे दिन ही टिकट आ गया। सूरत में हम लोग वहां इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे।
वीरेंद्र, मार्टीनगंज।
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कुछ दिन पूर्व कंपनी ने कोरियर से ट्रेन का टिकट भेजा था। टिकट देखकर खुशी का ठिकाना नहीं था और आज हम लोग सूरत जा रहे हैं। वहां बिजली का वायरिग करता था।
रिकू, ठेकमा।