सीएए मंजूर नहीं, वापसी के लिए सरकार को करेंगे मजबूर
हम भारत के लोग बैनर तले कई दलों के हजारों लोग सीएए के विरोध में मंगलवार को कर्बला मैदान में प्रदर्शन किए। हाथों में तिरंगा सीएए एनपीआर एनआरसी के विरोध में स्लोगन लिखी तख्तियां लिए पहुंचे थे। एलान किया कि यह कानून किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। शांतिपूर्ण आंदोलन करके सरकार को इन कानूनों को वापस लेने को मजबूर कर देंगे। विरोध जताने को कुछ खास इलाकों में दर्जनों दुकानें बंद रहीं।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : 'हम भारत के लोग' बैनर तले कई दलों के हजारों लोगों ने सीएए के विरोध में मंगलवार को कर्बला मैदान में प्रदर्शन किए। हाथों में तिरंगा, सीएए, एनपीआर, एनआरसी के विरोध में स्लोगन लिखी तख्तियां लिए पहुंचे थे। एलान किया कि यह कानून किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। शांतिपूर्ण आंदोलन करके सरकार को इन कानूनों को वापस लेने को मजबूर कर देंगे। विरोध जताने को कुछ खास इलाकों में दर्जनों दुकानें बंद रहीं। सपा, बसपा, प्रसपा, पीस पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों के लोगों के साथ ही महिलाओं की तादाद भी रही। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे एसडीएम सदर आशा राम को छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंप विरोध प्रदर्शन को समाप्त किया गया। इससे पूर्व सुबह से दोपहर तक एनआरसी मुर्दाबाद, सीएए वापस लो इत्यादि नारे गूंजते रहे। वक्ताओं में सपा के सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार देश की मूलभूत समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने को नागरिकता संशोधन कानून लाई है। सपा विधायक संग्राम यादव ने कहा कि सरकार संविधान को तोड़ना चाहती है। बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि सीएए में मुसलमानों को छोड़ने की बात कहकर सरकार ने खुद को छोटा किया है। सपा विधायक नफीस अहमद ने कहा कि धर्म-जाति को बांटने वाला कानून नहीं बनाया जा सकता, सरकार की भलाई इसी में है कि कानून को वापस ले। सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि पिछड़ों एवं दलितों को उनके अधिकार से वंचित करने की सरकार साजिश रच रही है। इससे पूर्व सुबह से जिले के विभिन्न क्षेत्रों से विरोध जताने के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हुआ, जो दोपहर बाद तक चला। प्रसपा के रामदर्शन यादव, मौलाना सुल्तान, शौकत माहुली, जामा मस्जिद के इमाम इंतेखाब आलम, डा. जावेद, जयप्रकाश नारायण, जुगनू, ताहिर मदनी, सोफिया बानो, मिर्जा शाने आलम बेग, लालबहादुर त्यागी, अनिल सिंह आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता रविद नाथ राय व संचालन तलहा राशादी व असद ने किया।
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उत्तेजक नारों से किया परहेज
आजमगढ़ : सभा के दौरान कुछ लोग जब मंच से उत्तेजक नारेबाजी करने लगे तो उनसे माइक ले ली गई। जिम्मेदार स्पष्ट कर रहे थे कि हमें गांधी के रास्ते पर चलकर आंदोलन करना है। भटकना नहीं है, क्योंकि सरकार चाह रही कि हम भटक जाएं। हमें केवल एकता बनाए रखने की जरूरत है।
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छतों पर भी रही महिलाओं की भीड़
आजमगढ़ : आमतौर पर किसी आयोजन में महिलाओें की भीड़ नहीं दिखती जितनी कर्बला के मैदान में मंगलवार को सीएए के खिलाफ आयोजित सभा में नजर आयी। महिलाओं के पहुंचने का सिलसिला सभा समाप्ति तक बना रहा। मैदान में अंत तक महिलाएं हाथ में तख्ती और तिरंगे के साथ जमी रहीं।