एमडीएम के कन्वर्जन मनी में गोलमाल, जांच के निर्देश
आजमगढ़ जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने तीन दिन के अंदर इंटर कॉलेज सठियांवसीबी इंटर कॉलेज तरवां और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बरवां का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कई शिक्षक अनुपस्थित मिले जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा ने तीन दिन के अंदर इंटर कालेज सठियांव, सीबी इंटर कालेज तरवां और राजकीय बालिका इंटर कालेज बरवां का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कई शिक्षक अनुपस्थित मिले जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
इंटरमीडिएट कालेज सठियांव में निरीक्षण के दौरान एमडीएम पंजिका पर उपस्थिति दर्ज की जा रही थी, क्योंकि मध्याह्न की घंटी बजने तक उपस्थिति में कालम खाली रखा गया था। अक्टूबर में प्रति दिवस 67, 69 व 71, नवंबर में एक तारीख को 76 छात्रों की उपस्थिति दर्ज कराई गई है। निरीक्षण के समय मात्र दो छात्र ही उपस्थित थे। इससे स्पष्ट हो रहा है कि फर्जी उपस्थिति दर्ज करके कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न में गोलमाल किया जा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि डीसी एमडीएम और खंड शिक्षा अधिकारी सठियांव से संयुक्त रूप से एक-दो वर्ष के कन्वर्जन कास्ट और खाद्यान्न के प्रेषण और उपभोग की जांच कराते हुए एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर प्रस्ताव भेजेंगे। फर्जी उपस्थिति दर्ज कराकर एमडीएम में गोलमाल किया जा रहा है। इसी प्रकार सीबी इंटर कालेज तरवां के निरीक्षण में पूरे परिसर में गंदगी मिली। इस पर सात परिचारक इंद्रावती देवी, अच्छेलाल शर्मा, कृष्ण कुमार सिंह, हेमंत कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह, महेंद्र प्रताप और सलीम का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया। यहां भी एमडीएम के कन्वर्जन कास्ट में गोलमाल पाया गया। अनुपस्थित प्रवक्ता राजेश सिंह, बैजनाथ कन्नौजिया, बृजेश कुमार मिश्र, सहायक अध्यापक सुनील कुमार गौतम, सहायक लिपिक रवींद्र नाथ शर्मा, परिचारक कृष्ण कुमार सिंह, हेमंत कुमार सिंह व राजीव कुमार सिंह का एक दिन का वेतन रोका गया। प्रबंध संचालक व सहायक अध्यापक राजकीय इंटर कालेज जोकहरा ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, प्रधानाचार्य सूर्यबली सिंह से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बरवां में अनुपस्थित प्रभारी प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापक पूनम यादव, कनिष्ठ सहायक कृष्णचंद श्रीवास्तव, परिचारक बाल किशन व प्रेमशीला का वेतन रोक दिया गया। प्रधानाचार्य से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया।