'बिजली सखी' ने 3.50 लाख रुपये वसूले विद्युत बिल
जागरण संवाददाता आजमगढ़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की नई
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल रंग लाने लगी है। जिले के स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाएं, जिन्हें बिजली सखी का नाम दिया गया है। वह विद्युत बिल की वसूली घर-घर कर रही हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लगभग एक माह में समूह की महिलाओं ने अब तक तीन लाख 50 हजार रुपये बिजली बिल की वसूली कर चुकीं हैं।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण स्वयं सहायता आजीविका मिशन के तहत चलने वाले महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कंधों पर नई जिम्मेदारी डाली गई है। महिलाओं को प्रति बिल के हिसाब से विद्युत विभाग भुगतान भी दे रहा है। इसके पूर्व विभाग मशीन चलाने के लिए प्रशिक्षण भी दे रहा है। शुरुआती चरण में विकास खंड बिलरियागंज, अहरौला, मार्टीनगंज एवं फूलपुर के चार समूहों की 44 महिलाएं बिजली बिल वसूलने के कार्य में लगी हैं।
49,999 रुपये के तक का ही बिल जमा कर सकेंगी
विद्युत बिल जमा करने वालीं समूह की महिलाओं को इसके एवज में भुगतान की राशि दी जा रही है। दो हजार रुपये तक के बिल जमा कराने पर बीस रुपये तक और इससे अधिक बिल पर एक फीसद की राशि मिलेगी। महिलाएं 44 हजार, 999 रुपये तक का ही बिल जमा कर सकेंगी।
प्रशिक्षण बाद ही स्मार्ट मशीन से बिलिग
बिलिग कैसे करनी है, किन-किन पहलुओं पर समूह की महिलाओं को ध्यान देना है। प्रशिक्षण के बाद स्मार्ट बिलिग मशीन के जरिए घर-घर बिल का कलेक्शन करेंगी। मशीन चलाने लिए पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद बिल जमा कराए जाने का कार्य किया जाएगा।
कैसे होता है भुगतान
घर-घर बिजली बिल का कलेक्शन महिलाए नकद करती हैं। उसके बाद सीएलएफ (संकुल स्तरीय संघ) के एकाउंट में जमा किया जाता है। उसके माध्यम से कमीशन काटकर विभाग के खाते भुगतान कर दिया जाता है।
वर्जन--
''स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं को अब बिजली का बिल जमा करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। शासन के निर्देश पर बिजली विभाग से अनुबंध हो गया है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। उपभोक्ताओं का भी घर बैठे बिजली का जमा हो जाएगा। बहुत जल्द समूह की अन्य महिलाओं को भी इस कार्य में लगाया जाएगा।
-योगेश कुमार पांडेय, जिला मिशन प्रबंधक, एनआरएलएम।