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Azamgarh City Weather Forecast : आजमगढ़ में बर्फीली हवाओं ने लगाया ठंड का तड़का, घरों में दुबके रहे लोग

Azamgarh City Weather जिले में सर्दियों की मुश्किलें बरकरार हैं। पारा 24 घंटे में पारा छह डिग्री सेल्सियस स्थिर रहा तो हवाओं की 8.05 किमी. संग तेज हुई रफ्तार व वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होना मुश्किलों में तड़का लगाने वाली रही।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 10:10 AM (IST)
Azamgarh City Weather Forecast : आजमगढ़ में बर्फीली हवाओं ने लगाया ठंड का तड़का, घरों में दुबके रहे लोग
तेज हुई रफ्तार व वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होना मुश्किलों में तड़का लगाने वाली रही।

आजमगढ़, जेएनएन। जिले में सर्दियों की मुश्किलें बरकरार हैं। पारा 24 घंटे में पारा छह डिग्री सेल्सियस स्थिर रहा तो हवाओं की 8.05 किमी. संग तेज हुई रफ्तार व वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होना मुश्किलों में तड़का लगाने वाली रही। हाड़ कपाने वाली ठंड के कारण मनुष्य, पशु, पक्षी सब बेहाल नजर आए। बुजुर्गों, बच्चे सूर्यदेव से मदद की उम्मीद लगाए घरों में दुबके रहे। हालांकि, हालात में बदलाव न होने के संकेत शुक्रवार की शाम में ही महूसस होने लगा था। मौसम में उलटफेर के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 अंक उछलकर 158 पर जा पहुचा था। इसे आदर्श मानक 100 से 58 अंक अधिक होने से खतरनाक माना जा रहा है। सूर्योदय सुबह 6.39 मिनट पर हुआ। माैसम विज्ञानियों ने दिन में गलन बनी रहने एवं सूर्यास्त शाम में 5.10 बजे होने की संभावना जताई है।

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अफसरों ने अलाव को ठंडे बस्ते में डाला    

कड़ाक की ठंड में गरीब जनता जान बचाने को परेशान है। हुक्मरान है कि अलाव की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं। ऐसा लग रहा कि उन्हें ठंड ही नहीं लग रही है। जनता सरकार को कोस रही है। उनकी नजर में असली गुनहगार सरकार ही है। लाजिमी भी कि सरकार ने ठंड से बचाव के इंतजार करने के लिए एक माह पूर्व ही आदेश निर्देश जारी कर दिए थे। 

सत्ताधारी नेताओं ने पब्लिक की जरूरतों से मुंह मोड़ा 

ठंड का कहर बरप रहा। खबरें में मीडिया में सुर्खियां बन रहीं हैं। लेकिन उसके बावजूद सत्ताधारी नेताओं को इससे कोई लेना देना नहीं रह गया है। सरकार की साख संकट में पड़ने के बावजूद कोई सवाल उठाने की जोखिम नहीं लेना चाहता है। जनता में इनकी सुस्ती को लेकर भी जबरदस्त नाराजगी है। परेशान लोग टायर, पुआल इत्यादि जलाकर ठंड से खुद को बचाने में जुटे हुए हैं।

शहर से गांव तक नहीं हुए अलाव के इंतजाम 

कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रशासन चादर ताने सोया पड़ा है। शहर से गांव तक में अलाव के इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। समाजसेवी संस्थानों ने जरूरी ठंड से बचाव के लिए एक-दो जगह कंबल बांटे हैं। लेकिन बड़ी संख्या में जरूरतमंदों के लिए समाजसेवियों के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।

अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या 

ठंड का असर लोगों की सेहत पर पड़ने लगा है। अस्पतालों में बच्चे, बुजुर्ग बीमारों की संख्या बढ़ी है। अधिकांश को निमाेनिया, कोल्ड डायरिया की परेशानी हो रही है। हालांकि ठंड के रुख को देखते हुए बच्चों, बुजुर्गों के लिए घरों से निकलने की मनाही हो गई है। मधुमेह, हृदय रोग, दमा रोगी तो पहले से ही परेशान हैं।


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