तमसा उफान पर, खतरा निशान से तीन मीटर नीचे
आजमगढ़ पिछले कई दिनों से लगातार हो हो रही मूसलाधार बारिश से शहर को तीन तरफ से घेर का बहने वाली तमसा नदी भी पूरे रौ में आ गई है। जिस तरह बारिश हो रही है उसके इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अभी दो-तीन मीटर और पानी बढ़ेगा। रेग्यूलेटरों को बंद करने के साथ ही निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए पंप सेट लगाए जा रहे हैं। बाढ़ खंड के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश रद कर दिए गए हैं। बाढ़ खंड पूरी तरह अलर्ट हो गया है। 154 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: पिछले कई दिनों से लगातार हो हो रही मूसलाधार बारिश से शहर को तीन तरफ से घेर का बहने वाली तमसा नदी भी पूरे रौ में आ गई है। जिस तरह बारिश हो रही है, उसके इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अभी दो-तीन मीटर और पानी बढ़ेगा। रेग्युलेटरों को बंद करने के साथ ही निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए पंप सेट लगाए जा रहे हैं। बाढ़ खंड के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के सभी प्रकार के अवकाश रद कर दिए गए हैं। बाढ़ खंड पूरी तरह अलर्ट हो गया है। 154 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
मानसूनी बारिश से 2005 में उफान पर आई थी। शहर तक पानी पहुंच गया था। निचले इलाकों के लोग घर छोड़ पलायन कर गए थे। कई माह के बाद वे वापस लौटे थे। बाढ़ खंड के मुताबिक तमसा नदी का अधिकतम गेज 75 मीटर है। पिछले दो दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद नदी का जलस्तर 72.02 मीटर पहुंच गया है। यदि ऐसे ही बारिश जारी रही तो दो-तीन मीटर तक बाढ़ का पानी चढ़ जाएगा। उधर, बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार की देख-रेख पर रोडवेज-करतलापुर बाईपास बांध पर ध्वस्त हुए रेग्युलेटर एक में मिट्टी की बोरियां डाली जा रहीं थीं जिससे नदी का पानी शहर की तरफ न आ सके। इसके अलावा आधा दर्जन और रेग्युलेटरों को भी बंद कर दिया गया है जिससे कि शहर में पानी न आ सके। बागेश्वर नगर के पास रेग्युलेटर मरम्मत के अलावा निचले इलाकों में जमा पानी को निकालने के लिए पंपसेट लगाने का कार्य हो रहा था। इस दौरान बाईपास पर काफी देर तक जाम की स्थिति रही। बहरहाल, अब लोग यही मना रहें कि बारिश बंद हो।