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उत्तराखंड व नेपाल में अतिवृष्टि से जिले के देवारा में अलर्ट

-सतर्कता -सरयू में वनबसा बैराज शारदा नगर घाघरा बैराज और शारदा से छोड़ा पानी -जलस्

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 05:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 05:56 PM (IST)
उत्तराखंड व नेपाल में अतिवृष्टि से जिले के देवारा में अलर्ट

-सतर्कता :::

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-सरयू में वनबसा बैराज शारदा नगर, घाघरा बैराज और शारदा से छोड़ा पानी

-जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की आशंका, ग्रामवासियों को किया सचेत

- बांध की बाढ़ चौकियां सक्रिय, अफसरों को सौंपी जिम्मेदारी जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़): उत्तराखंड और नेपाल में हो रही अतिवृष्टि के कारण जिले के तहसील सगड़ी के देवारा क्षेत्र में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरयू नदी में 21 अक्टूबर को 12 बजे तक सगड़ी क्षेत्र में पानी पहुंचने से बाढ़ की आशंका को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को बचाव और राहत के लिए महुला गढ़वल बांध की बाढ़ चौकियों को एक बार पुन: सक्रिय कर दिया गया है। तटवर्ती गांवों के ग्रामवासियों को भी सचेत कर दिया गया है कि वे डूबने वाले क्षेत्र में न जाएं।

प्रभारी अधिकारी आपदा (अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व) आजाद भगत सिंह ने बताया कि उत्तराखंड व नेपाल में हुई बारिश के कारण सरयू के जलस्तर में वृद्धि होने की आशंका है। इसके अतिरिक्त इस समय 5,47,224 क्यूसेक पानी वनबसा बैराज शारदा नगर से और 2,29,667 क्यूसेक पानी घाघरा बैराज और 1,60,995 क्यूसेक पानी शारदा बैराज से छोड़ा जा रहा है। जिससे बाढ़ आने की आशंका प्रबल हो गई है। पानी के बहाव की गति को देखते हुए अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, एसडीएम सगड़ी एवं तहसीलदार के अलावा सरयू नदी के तटवर्ती थाना महराजगंज एवं रौनापार को भी अलर्ट कर दिया गया है कि वे हर गतिविधियों पर सतर्क नजर रखते हुए अपने से संबंधित व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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''आसन्न बाढ़ को देखते हुए महुला गढ़वल बांध पर स्थापित बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। बांध पर पुलिस की भी निगरानी बढ़ा दी गई है। ग्रामीणों को भी नदी क्षेत्र की तरफ न जाने के लिए सचेत करा दिया गया है। नजर रखी जा रही है।

-गौरव कुमार, एसडीएम सगड़ी

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''बारिश के कारण महुला गढ़वल बांध पर हुए रेनकट को भरा जा रहा है। रेगुलेटरों की भी निगरानी कराकर मिट्टी, बोरा सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था की ली गई है। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को जिम्मेदारी दे गई है।

-दिलीप कुमार, एक्सईएन बाढ़ खंड।


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