महिला अस्पताल के बाद सीएचसी पर भी 'केएमसी' यूनिट
आजमगढ़ जिले में बढ़ते नवजात मुत्युदर पर रोक लगाने के लिए तीन वर्ष पूर्व जिला महिला अस्पताल में कंगारू मदर केयर (केएमसी) यूनिट स्थापित की गई है। इसमें कम वजन के प्री-मेच्योर नवजातों की जान बचाई जाती है।
आजमगढ़ : जिले में बढ़ते नवजात मुत्यु दर पर रोक लगाने के लिए तीन वर्ष पूर्व जिला महिला अस्पताल में कंगारू मदर केयर (केएमसी) यूनिट स्थापित की गई। इसमें कम वजन के प्री-मेच्योर नवजातों को रखकर उपचार किया जाता है। इस यूनिट की वजह से नवजात मृत्युदर में काफी कमी आई है। जिला महिला अस्पताल में मिली सफलता के बाद अब जिले के चार सीएचसी में भी कंगारू मदर केयर यूनिट खोलने की तैयारी है। इस पर काम भी शुरू हो गया है। जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. नीरज शर्मा ने बताया कि केएमसी यूनिट का मुख्य उद्देश्य समय से पहले पैदा होने वाले नवजात शिशुओं की जान बचाना है। यूनिट में मां नवजात को अपने सीने से चिपकाकर 20 से 24 घंटे तक रखती है। इसके लिए केएमसी वार्ड का एक नियमित तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जाता है। इससे नवजात का विकास तेजी से होता है। केएमसी में बच्चों की पांचों इंद्रियां स्पर्श, दृष्टि, श्रवण शक्ति, सूंघने की शक्ति एवं स्वाद की शक्ति का विकास होता है। अगर बच्चे के शरीर का तापमान एक डिग्री घट जाता है तो मां के शरीर का तापमान अपने आप एक डिग्री बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि इधर केएमसी यूनिट को अपडेट किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा मुहैया कराने के लिए चार सीएचसी में केएमसी यूनिट खोले जाने की तैयारी की जा रही है। इसमें लालगंज सीएचसी, बिलरियागंज सीएचची, अतरौलिया 100 बेड के अस्पताल व कोयलसा सीएचसी में काम चल रहा है। जल्द ही केएमसी यूनिट खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व नवजात की मां न होने की स्थिति में उसकी मौसी ने बच्चे को सीने से लगाकर रखा था। जिसका वजन 15 दिन में एक किलो बढ़ गया था। इसी तरह कई ऐसे केस आए हैं।