दूध में पानी का खेल, अब तक कई नमूने हुए फेल
आजमगढ़ सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहे मिलावटी दूध पर अंकुश लगाना आसान नहीं है। शासन डाल-डाल तो दूध में मिलावट करने वाले पात-पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की जुगत निकाल ही लेते हैं। हालांकि जिले में अब तक दूध में डिटजेंट पाउडर मिलाने की मामला प्रकाश में नहीं आया है। लेकिन कम लागत में अधिक फायदे के लिए पानी अधिक मिलाने के कई प्रकरण सामने आए हैं। इसकी पुष्टि होने पर जुर्माना भी भरना पड़ा है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहे मिलावटी दूध पर अंकुश लगाना आसान नहीं है। शासन डाल-डाल तो दूध में मिलावट करने वाले पात-पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की जुगत निकाल ही लेते हैं। हालांकि जिले में अब तक दूध में डिटजेंट पाउडर मिलाने की मामला प्रकाश में नहीं आया है। लेकिन कम लागत में अधिक फायदे के लिए पानी अधिक मिलाने के कई प्रकरण सामने आए हैं। इसकी पुष्टि होने पर जुर्माना भी भरना पड़ा है। 2017-18 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन(एफएसडीए) द्वारा चलाए गए अभियान के तहत लिए गए दूध के 34 नमूने फेल मिले। राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला की रिपोर्ट में फैट की मात्रा कम और पानी अधिक पाया गया। पुष्टि होने पर न्याय निर्णयन अधिकारी द्वारा 34 दूध कारोबारियों पर दो लाख 62 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था।
त्योहार और गर्मी के समय में दूध की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में दूध के कारोबारी पहले तो चट्टी-चौराहों पर लगी मशीनों द्वारा दूध से क्रीम निकाल लेते हैं। बहुत से दूधिए क्रीम निकलवाने के बजाय उसमें पानी अधिक मिला देते हैं। इससे उसमें क्रीम की मात्रा नहीं के बराबर मिलती है। अप्रैल 2018 से अब तक चलाए गए अभियान में एफएसडीए टीम द्वारा अभियान चलाकर दूध के 50 नमूने लिए गए थे। राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला में जांच के दौरान 25 नमूने अधोमानक पर पाए गए। यानी दूध में पानी अधिक और फैट की मात्रा कम। जिन कारोबारियों के नमूने फेल पाए गए, उनके खिलाफ न्याय निर्णयन अधिकारी के न्यायालय में वाद दाखिल किया गया है। सुनवाई के बाद ऐसे मामलों में 10 से 30 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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वर्जन--मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
''जिले में अभी तक दूध में डिटर्जेंट मिलाने का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। मिलावटी दूध के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। अब जांच में अधिक पानी मिलाने की पुष्टि हुई है। संबंधित कारोबारियों के खिलाफ न्याय निर्णयन अधिकारी के न्यायालय में वाद दाखिल किया जा चुका है। 10 से 30 हजार रुपये तक जुर्माना लग सकता है। विभाग के कर्मचारी इस समय मतगणना में लगे हैं। उसके बाद मिलावटी दूध के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
--डीके राय, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, आजमगढ़।
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