एडीए सचिव, सहायक व अवर अभियंता निलंबित
आजमगढ़ अवैध निर्माणों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई न करना आखिरकार एडीए सचिव सहायक व अवर अभियंता को महंगा पड़ा। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी की रिपोर्ट पर शासन ने तीनों अफसरों को निलंबित कर दिया है। इसी के साथ तीनों अधिकारियों को मंडलायुक्त कार्यालय अयोध्या से संबद्ध कर दिया गया है। आयुक्त अयोध्या मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। शासन की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप सरीखा माहौल है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : अवैध निर्माण के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई न करना आखिरकार एडीए सचिव, सहायक व अवर अभियंता को महंगा पड़ा। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी की रिपोर्ट पर शासन ने तीनों अफसरों को निलंबित कर दिया है। इसी के साथ तीनों अधिकारियों को मंडलायुक्त कार्यालय अयोध्या से संबद्ध कर दिया गया है। आयुक्त अयोध्या मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। शासन की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप सरीखा माहौल है।
विगत दिवस एडीए सचिव बाबू सिंह के विरुद्ध अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कराए जाने, उच्चाधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देशित करने के बावजूद दो बड़े निर्माण को सील नहीं कराने, तमसा नदी किनारे हुए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं कराने, बिना अवकाश स्वीकृत कराए मुख्यालय से बाहर रहने, पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता बरतने की शिकायत मंडलायुक्त ने शासन से की थी। इसके अलावा सोशल मीडिया में उत्कोच मांगने संबंधी वीडियो वायरल होने के मामले में कर्मचारी आचरण नियमावली के नियमों का उल्लंघन भी माना था। सहायक अभियंता देवबचन राम द्वारा अवैध निर्माण के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तथा भवन उपविधियों के प्रतिकूल निर्माण का शमन कराया गया है। सहायक अभियंता देवबचन राम के विरुद्ध शमन की धनराशि बिना ब्याज अधिरोपित कर जमा कराने, प्राधिकरण को आर्थिक क्षति पहुंचाने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने तथा इनके द्वारा भी सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में उत्कोच मांगे जाने पर प्राधिकरण एवं शासन की छवि धूमिल करने की शिकायत की गई थी। तीनों अधिकारियों के कारनामों का पूरा ब्योरा शासन को तथ्यों सहित भेजा गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने एडीए सचिव, सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता रमाशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।