29 सचिव व जेई आरईएस को कारण बताओ नोटिस
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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार की शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जांच अधिकारी के स्तर पर लंबित शिकायतों के प्रकरण की समीक्षा की गई। शिकायतकर्ताओं की ओर से शपथ पत्र के साथ ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायतें की गई थीं कि ग्राम पंचायतों में शौचालय, आवास, खड़ंजा, पट्टा आदि योजनाओं में मानक के अनुसार कार्य नहीं किया गया है। डीएम ने पंचायती राज एक्ट के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में शौचालय, आवास, खड़ंजा, पट्टा आदि विभिन्न योजनाओं के तहत जिला स्तरीय अधिकारियों को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच करने का निर्देश दिया।
आरईएस जेई ब्लाक पल्हना के अनुपस्थित पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए सीडीओ को निर्देश दिया। समीक्षा में पाया गया कि जिन जांच अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों की जांच की है, उसमें अधिकतर सचिवों ने अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस पर उन्होंने सीडीओ को निर्देश दिया कि जिन 29 सचिवों ने कई बार मांगने के बाद भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है, उनको कारण बताओ नोटिस जारी करें। समस्त संबंधित जांच अधिकारियों को निर्देशित दिया कि जिन ग्राम पंचायतों की जांच की जा चुकी है, उनसे संबंधित अभिलेख जिन-जिन सचिवों ने उपलब्ध नहीं कराया गया है, उनकी सूची अविलंब सीडीओको उपलब्ध कराएं। डीपीआरओ ने बताया कि अभी भी 29 सचिवों ने जांच अधिकारियों को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया है। डीएम ने निर्देश दिया कि संबंधित सचिव सात जनवरी तक अभिलेख उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो उनको निलंबित करने व एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। निर्देश दिया कि 26 जनवरी तक समस्त जांच पूर्ण करते हुए जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला, डीपीआरओ श्रीकांत दर्वे सहित संबंधित जिला स्तरीय जांच अधिकारी थे।
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गुणवत्ता से समझौता नहीं
डीएम ने समस्त संबंधित जांच अधिकारियों को निर्देश दिया कि जांच गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए। जांच की क्वालिटी में किसी भी प्रकार का समझौता न करें। यदि जांच के दौरान किसी भी स्तर पर कहीं कोई समस्या आ रही है तो उसको अवगत कराएं। उसका निस्तारण किया जाएगा।