बिजली आपूर्ति के बिना जनपद के 23 नलकूप बेपानी
आजमगढ़ सिचाई के सरकारी साधन फेल हो गए हैं। जिस नलकूप पर किसान भरोसा करते हैं वह नलकूप जरूरत पड़ने पर धोखा दे जा रहे हैं। जिले में बिजली आपूर्ति के अभाव में 23 नलकूप बेपानी हैं। अब धीरे-धीरे खरीफ की फसल तैयार करने के लिए बेहन (बीज) डालना शुरू हो गया है। इधर सिचाई के लिए जब पानी की जरूरत पड़ रही है तो ज्यादातर नलकूप बंद मिल रहे हैं।
जासं, आजमगढ़ : सिचाई के सरकारी साधन फेल हो गए हैं। जिस नलकूप पर किसान भरोसा करते हैं, वह नलकूप जरूरत पड़ने पर धोखा दे जा रहे हैं। जिले में बिजली आपूर्ति के अभाव में 23 नलकूप बेपानी हैं। अब धीरे-धीरे खरीफ की फसल तैयार करने के लिए बेहन (बीज) डालना शुरू हो गया है। इधर सिचाई के लिए जब पानी की जरूरत पड़ रही है तो ज्यादातर नलकूप बंद मिल रहे हैं।
किसान आसानी से कम लागत में अपनी फसलों की सिचाई कर सकें। इसके लिए सरकार द्वारा गांवों में राजकीय नलकूप लगवाए गए हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते किसानों को सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खराब पड़े नलकूपों को ठीक कराने में विभाग द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है। जहां कुछ नलकूप रीबोर की प्रतीक्षा में बेपानी हैं, वहीं कुछ ट्रांसफार्मरों की खराबी के चलते बंद हैं। खास बात तो यह है कि शासन के आदेश पर जिले में 23 नलकूप लगाए गए थे। नलकूप लगे छह माह से अधिक हो गए लेकिन अभी तक नलकूप को चालू करने के लिए विद्युत आपूर्ति नहीं हो सकी है। इसकी वजह से किसानों के सामने समस्या खड़ी हो रही है। इतना ही नहीं कुछ नलकूप तो ऐसे भी हैं, जिनकी नालियां क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
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