150 सफाईकर्मी की तैनाती फिर भी गांव में सफाई नहीं
सरकार भले ही स्वच्छता मिशन के तहत स्वच्छता का दावा कर ले लेकिन गांवों की स्थिति कुछ अलग ही है। गांवों में जगह-जगह जहां कूड़े का अंबार है वहीं गंदगी से जाम नालियां बजबजा रही है।
जासं, फूलपुर (आजमगढ़) : स्वच्छता मिशन पर लाखों, करोड़ों रुपये खर्च हुए लेकिन गांवों में जगह जगह कूड़ा का अंबार दिख जाएगा। इसकी वजह से संक्रामक रोगों का खतरा जहां बढ़ गया है वहीं लोगों का रहना भी मुश्किल हो रहा है। सफाई कर्मियों की लंबी फौज कहीं दिख नहीं रही है। जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।
स्थानीय ब्लाक क्षेत्र में 89 ग्रामसभाएं हैं।
150 सफाईकर्मियों की नियुक्ति की गई है। सफाईकर्मियों की इतनी बड़ी फौज होने के बाद भी गांवों की हालत बद से बदतर हो गई है। सरकार का सख्त निर्देश है गांवों व सरकारी भवनों सहित नालियों की साफ-सफाई की जाए और अधिकारी सत्यापन कर जहां भी सफाईकर्मी अनुपस्थित मिले कार्रवाई करें। बावजूद, सफाईकर्मी लापरवाह बने हुए हैं। तैनाती भी अजग गजब है। किसी गांव में एक भी सफाई कर्मी नहीं तो किसी गांव में आधा दर्जन से अधिक। अधिकारी इस बारे में पूछने पर कुछ भी बोलने से कन्नी काटते हैं।
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वर्जन::::अभी जल्द ही मुझे प्रभार मिला है। अगर गांवों की सफाई नहीं हो रही है तो सफाईकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिस गांव में सफाईकर्मियों की कमी है वहां उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर नियुक्त की जाएगी। मैं खुद स्थलीय सत्यापन करुंगा। जहां सफाई नहीं हो रही है वहां के सफाईकर्मियों की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जिले पर भेजी जाएगी।
राधेश्याम यादव : प्रभारी एडीओ पंचायत।