जगमगाने लगीं सीधा सुल्तानपुर की गलियां
आजमगढ़ : किसी भी कार्य के लिए अगर जज़्बा, धैर्य और आत्मविश्वास हो तो कोई भी काम आसान हो सकता है। ऐसा
आजमगढ़ : किसी भी कार्य के लिए अगर जज़्बा, धैर्य और आत्मविश्वास हो तो कोई भी काम आसान हो सकता है। ऐसा ही एक काम करके दिखाया है एक नारीवादी संगठन ने। संगठन के प्रयास से 65 साल से बिजली-पानी से महरूम मिर्जापुर ब्लाक के सीधा सुल्तानपुर गांव में बिजली-पानी की सारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो गईं। गांव गी गलियां रोशनी से जगमगाने लगी। इससे लोगों के चेहरे पर मुस्कान जहां फैल गई है वहीं संगठन के कार्यों की सराहना की जा रही है।
एसोसिएशन फार एडवोकेसी एंड लीगल इनीशिएटिव्स (आली) एक नारीवादी संगठन है। संगठन के लोगों ने शुक्रवार को सिविल लाइन स्थित कार्यालय पर प्रेसवार्ता कर पूरी जानकारी दिया। समाजसेवी कार्यकर्ता तारिक शफीक ने बताया कि वर्ष 2013 में आली को यह जानकारी हुई कि मिर्जापुर ब्लाक के सीधा सुल्तानपुर गांव की 600 जनसंख्या की आबादी वाली एक नट बस्ती में नागरिक आज आजादी के 68 वर्षो के बाद भी बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है और उसके लिए उन्हें वर्षो से संघर्ष करना पड रहा है। कई राजनीतिक दलों और जन प्रतिनिधि द्वारा किए वादों के पूरा ना होने से निराश लोगों में सरकार और सरकारी व्यवस्था के प्रति भरोसा, उम्मीद और आत्मविश्वास खत्म हो गया था। आली के प्रयासों और संघर्षो के बाद आली को नट बस्ती के लोगो में सरकारी व्यवस्था और न्याय के प्रति भरोसा और विश्वास पैदा करने में सफलता मिली। नागरिकों के हक की इस लडाई में आली उनके साथ कदम से कदम मिला कर चलता रहा। तारिक शफीक ने बताया कि अन्तत: अगस्त 2013 में अपनी बिजली की समस्या के लिए नट बस्ती के लोगों ने उपजिलाधिकारी, नि•ामाबाद को लिखित आवेदन दिया। संगठन के निरन्तर प्रयासों और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ पैरोकारी के बाद मार्च 2015 में बस्ती में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई गई। संगठन की शबीना बानों और कार्यक्रम समन्वयक अंशुमाला ने जिले के बिजली विभाग के मुख्य अभियन्ता राजेन्द्र प्रसाद के सकारात्मक रवैया और सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।