कब मिलेगा तालाबों को अपना वजूद
संवाद सहयोगी, अजीतमल: नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल क्षेत्र के तालाबों को अपने वजूद में लाने के लिए
संवाद सहयोगी, अजीतमल: नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल क्षेत्र के तालाबों को अपने वजूद में लाने के लिए आला अधिकारियों के फरमान को भी नगर पंचायत प्रशासन नहीं मान रहे है। निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही न करना कहीं न कहीं नगर पंचायत की लापरवाही को व्यक्त कर रहा है।
बता दें कि नगर पंचायत क्षेत्र के तालाब अतिक्रमण की चपेट में आकर अपना वजूद खोते जा रहे हैं। दर्जनों बार पैमाइश के बाद तहसील प्रशासन द्वारा तालाबों के रकवा को चिन्हीकरण कर नगर पंचायत प्रशासन को बता दिया गया। अतिक्रमण हटाने की रूपरेखा भी कई बार बनी। लेकिन ये रूपरेखा नगर पंचायत की फाइलों में ही सिमटकर रह गई हैं। करीब दो वर्ष पूर्व तत्कालीन अतिक्रमण अभियान के नोडल अधिकारी/उपजिलाधिकारी अमित राठौर ने तालाबों को अतिक्रमणमुक्त करने की कवायद में अजीतमल में एक गेस्ट हाउस के हिस्से को ढहा दिया था। तब उम्मीद जगी थी कि शायद अब नगर पंचायत के तालाबों को अतिक्रमण से मुक्ति मिल जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा जनवरी माह में दिए गए आदेश को भी नगर पंचायत ने मानना जरूरी नहीं समझा। और जनवरी के प्रथम सप्ताह में हटने वाला अतिक्रमण आधा माह बीत जाने के बावजूद भी नहीं हट सका। वहीं उपजिलाधिकारी द्वारा भी इस लापरवाही के प्रति नगर पंचायत पर कार्रवाई न करना कहीं न कहीं राजनीतिक या फिर प्रशासनिक दबाव की ओर इंगित कर रहा है। जिलाधिकारी द्वारा जारी अधिशाषी अधिकारी पर कार्रवाई के लिए दिए गए आदेश के बारे में उपजिलाधिकारी विजय प्रताप ¨सह ने मामला संज्ञान में है जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।