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ग्राम पंचायत सदस्य की हत्या का पर्दाफाश, दो आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता औरैया सिर पर कुल्हाड़ी मारकर नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य की हत्या कर

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 10:39 PM (IST)
ग्राम पंचायत सदस्य की हत्या का पर्दाफाश, दो आरोपित गिरफ्तार
ग्राम पंचायत सदस्य की हत्या का पर्दाफाश, दो आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, औरैया: सिर पर कुल्हाड़ी मारकर नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य की हत्या करने वाले आरोपितों को पुलिस ने धर दबोचा है। निशानदेही के आधार पर हत्या में इस्तेमाल की जाने वाली कुल्हाड़ी बरामद की है। इसके अलावा सोने की चेन, एक मोबाइल फोन उनके पास से मिला है। हत्यारोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन पर 50 हजार रुपये का कर्जा था। जिसे वह नहीं चुका पा रहे थे। जिस कारण उन्होंने घटना को अंजाम दिया। हालांकि, पुलिस की ओर से किया गया खुलासा दिवंगत के स्वजनों व गांव के कुछ लोगों के गले नहीं उतर रहा।

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नतीजे घोषित होने के दूसरे दिन बेला थाना क्षेत्र के ग्राम महू में नवनिर्वाचित महू ग्राम पंचायत सदस्य 58 वर्षीय मनोज सिंह पुत्र अतबल सिंह की हत्या कर दी गई थी। शव खेत किनारे मंगलवार की सुबह मिलने से सनसनी फैल गई थी। चुनावी रंजिश बता मृतक के भाई ने पुलिस को नामजद तहरीर दी थी। गांव में हत्याकांड को लेकर तनाव रहा। जिस कारण पीएसी सहित पुलिस बल मुस्तैद रहा। देर रात तक चली जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने दो आरोपित को दबोच लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मृतक के भाई की ओर से दी गई तहरीर में जिनके नाम है, उनमें किसी की पुष्टि पकड़े गए आरोपितों ने नहीं की है। मामला रुपये के लेनदेन से जुड़ा हुआ है। मनोज सिंह का शव खेत किनारे मिला था। उसके सिर पर धारदार हथियार से वार किया गया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि हुई है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपर्णा गौतम का कहना है कि हत्याकांड मामले में मोहन सिंह पुत्र स्व. राजबहादुर सिंह सेंगर निवासी महू व नौसाद खां पुत्र धुन्नू खां निवासी दुवहा थाना बेला को दबोचा गया है। दोनों को मुर्गी फार्म के पास से हिरासत में लिया गया।

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आरोपितों ने कबूला जुर्म

एसपी अपर्णा गौतम ने बताया कि सेवानिवृत्त सैनिक व नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत दिवंगत मनोज सिंह से आरोपितों ने 50 हजार उधार लिए थे। रुपये लौटाए जाने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। करीब 12 सदस्यीय टीम हत्याकांड खुलासे के लिए गठित की गई थी।


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