ओडीएफ का सच: खुले में शौच को मजबूर ग्रामीण
संवाद सूत्र, रुरुगंज : उड़ेलापुर गांव की सुमन नही चाहती है कि उसे सुबह शाम खुले में शौच क
संवाद सूत्र, रुरुगंज : उड़ेलापुर गांव की सुमन नही चाहती है कि उसे सुबह शाम खुले में शौच करने जाना पड़े। पति तो अब नही रहे उनके बेटे कई बार कोशिश कर चुके है कि घर मे शौचालय बन जाए पर गरीबी के कारण वो घर मे शौचालय नही बनवा पा रही है। गांव को खुले में शौच से मुक्त किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद शौचालय बनने के लिए वह आश्वस्त भी थी। लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण ये कार्य अब तक नहीं हो सका है। पिछले छह माह से शौचालय पूरे न बन पाने के कारण कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बाथरूम का रूप दे दिया है तो कुछ ने कबाड़ रखना शुरू कर दिया है। अधिकांश ग्रामीण खुले में शौच करने को बाध्य है। अछल्दा विकासखंड की ग्राम पंचायत उड़ेलापुर गांव में कई परिवार के पास आज भी शौचालय नहीं है, ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं। जिला मुख्यालय औरैया से 40 व बिधूना तहसील क्षेत्र का ग्राम उड़ेलापुर तहसील मुख्यालय से मात्र पांच किमी की दूरी पर है। लेकिन इस गांव मे विकास की किरण कोसों दूर है। इसी का नतीजा है कि करीब 400 की आबादी वाले इस गांव में अब तक कई घर में शौचालय नहीं हैं। जबकि कई घरों के बाहर छह माह पहले शौचालय बनकर खड़े हैं। लेकिन आज तक न ही उनकी शीट रखी गयी है और न टैंक बनाये जा सके हैं। जिस कारण गांव में भ्रष्टाचार की भेंट इज्जत घर चढ़ गए है। गांव की बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि उनके गांव में चुनाव के समय कई नेता आए थे और वादे करके चले गए। क्या कहते हैं जिम्मेदार-
उड़ेलापुर पंचायत में 157 शौचालय बनाने के लिए पैसा काफी पहले भेजा जा चुका है। अगर अभी तक शौचालय पूर्ण नहीं किये गए तो ये बड़ी लापरवाही है। शीघ्र ही इसकी जांच कराई जाएगी और संबंधित ग्राम सचिव व प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी। - शिवनाथ ¨सह पाल, एडीओ पंचायत अछल्दा