सरकारी इमदाद की राह ताक रहीं 'झुकी नजरें'
जागरण संवाददाताऔरैया यह शर्मनाक है। दुर्भाग्यपूर्ण है। बेहद आपत्तिजनक भी। एक ओर हम म
जागरण संवाददाता,औरैया: यह शर्मनाक है। दुर्भाग्यपूर्ण है। बेहद आपत्तिजनक भी। एक ओर हम महिलाओं को पुरूष के बराबर लाने को कृतसंकल्प हैं,तो दूसरी ओर उन्हें बेहद जरूरी सुविधा भी नहीं मिल पा रहा है। जी हां, जनपद के अधिकांश थानों में महिला शौचालय नहीं है। जिसके कारण महिला पुलिसकर्मियों को पुरूष टायलेट में नजरें चुराकर जाना पड़ता है। थाने में फरियाद को जाने वाली महिलाओं को तो उसके लिए इधर-उधर भटकना ही पड़ता है। अचरज की बात यह कि इतनी महत्वपूर्ण व्यवस्था के लिए न सरकार न ही स्थानीय प्रशासन की नजरें इनायत हो पाई हैं।
जिले की बात करें तो अजीतमल कोतवाली, बिधूना कोतवाली,फफूंद थाना और बेला थाने में महिला टॉयलेट ही नहीं है। महिला स्टाफ को नजरें झुकाकर पुरुषों के टॉयलेट में जाना पड़ता है। कुछ महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि बार-बार शौचालय न जाना पड़े इसलिए वह ड्यूटी के दौरान पानी भी कम पीती हैं। गुरुवार को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि सूबे के कितने थानों में महिला टॉयलेट हैं। उच्च न्यायालय के सवाल के बाद महिला पुलिस कर्मियों में अब आस जग गई है कि अब उनके लिए अलग से टॉयलेट बन जाएंगे। महिला थाने से लेकर कोतवाली तक में महिला पुलिस की संख्या ठीक हो गई है। सभी जगह महिला हेल्प डेस्क भी बन गई है। इसके बावजूद भी उनके लिए टॉयलेट नहीं बन सका है। जिले की हालत थाना,कोतवाली महिला स्टाफ की संख्या - महिला टॉयलेट महिला थाना - 14 एक औरैया कोतवाली 18 एक अजीतमल कोतवाली - 13 नहीं है अछल्दा थाना - 09 एक बिधूना कोतवाली - 13 नही है फफूंद थाना - 08 नही है बेला थाना - 10 नही है दिबियापुर थाना -20 नही है सहायल थाना - 05 निर्माणाधीन अयाना थाना - 07 एक एरवाकटरा थाना - 06 एक नोट- यह आंकड़ों सभी थानों से लेकर ही दिए गए है। अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। सभी जगह पता कराया जाएगा, जहां महिला टॉयलेट नहीं है वहां इसे जरूर बनवाया जाएगा। किसी भी तरह से महिला स्टाफ व महिला फरियादियों को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
-शिष्यपाल,एएसपी औरैया