स्कूल में झाड़ू लगाने को मजबूर बच्चे
संवाद सूत्र, सहार: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्या हालत है इस बात का अंदा
संवाद सूत्र, सहार: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्या हालत है इस बात का अंदाजा इसी से ही लगाया जा सकता है कि यहां बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब की जगह झाड़ू नजर आ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने भले ही स्कूलों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी वहां पढ़ा रहे टीचरों को दी हो लेकिन कुछ टीचर ऐसे भी हैं जिन्होंने छात्रों के हाथों में झाड़ू थमा दी। ऐसा ही एक मामला सहार विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय पुर्वा दानशाह से सामने आया है। सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं तो उनके हाथ में पेंसिल और कॉपी-किताब की जगह झाड़ू थमा दी जाती है और छात्रों को ही सफाई कर्मी बना दिया जाता है।
छात्रों के साथ किए जा रहे इस तरह के व्यवहार को देखकर जब हमारी टीम स्कूल के अंदर पहुंची तो महिला टीचर हड़बड़ा गईं और बच्चों को झाड़ू रखकर क्लास में बैठने के लिए कहने लगीं। जब स्कूल की टीचर से पूछा गया कि आप बच्चों से झाड़ू क्यों लगवा रही हैं तो वह मानने को तैयार ही नहीं थीं। वह सफाई देने लगीं कि स्कूल में कोई सफाईकर्मी नहीं आता है। वजह जो भी हो लेकिन एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं और बच्चों के हाथ में किताबों की जगह झाड़ू थमा रहे हैं। पंचायत में तैनात दो सफाई कर्मचारी
ग्राम पंचायत पुर्वा दानशाह में दो सफाई कर्मी तैनात है लेकिन सफाई कर्मियों ने अपनी जगह प्राइवेट तरीके से दो लड़कों को लगा रखा है। तैनात सफाई कर्मी कभी नहीं आते हैं। उप खण्ड शिक्षा अधिकारी उपेन्द्र कुमार ने बताया कि यदि सफाई कर्मी नही आ रहा है तो लिखित रूप से प्रधानाध्यापक शिकायत करें। सफाई कर्मियों पर कार्यवाही होगी। बच्चों से किसी भी तरह का कार्य नहीं कराया जा सकता है यदि कराया है तो जांच कराएंगे।