कर्म को श्रेष्ठ बनाते सत्संग से उपजे संस्कार
जागरण संवाददाता औरैया अजीतमल क्षेत्र के गांव नवलपुर में आयोजित राम कथा में व्यास ने श्रोताओं
जागरण संवाददाता, औरैया: अजीतमल क्षेत्र के गांव नवलपुर में आयोजित राम कथा में व्यास ने श्रोताओं को रामचरित मानस के कई प्रसंग सुनाए। भक्तों से इनका अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाने का आग्रह किया। जीवन में सर्वश्रेष्ठ मानव का कर्म है। सत्संगति से हमें सद्मार्ग की प्राप्ति होती है। वहीं कर्म के अनुसार ही हमारे जीवन में प्रभाव नजर आते हैं। हमें कभी भी अपने कर्म नहीं बिगाड़ने चाहिए।
आचार्य प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि कथा में आने वाले चढ़ावे को वह दान करेंगे। संसार में कर्मफल सभी को प्रभावित करते है। सत्संगति से कर्म श्रेष्ठ होते है। त्याग से सुख की प्राप्ति होती है। गुरु विश्वामित्र के मार्ग दर्शन में राम और लक्ष्मण ने घर छोड़कर यज्ञ सेवा की। जिसके फलस्वरूप एक साथ चारों भाइयों का विवाह हुआ। विद्यार्थियों को निद्रा का त्याग कर शिक्षा में लगाव को अपने स्वभाव में उतारना चाहिए। हमारे स्वभाव में जो बस जाता है, वहीं हमारे कर्मों में उतरता है। सत्संग पर जोर देते हुए कहा कि सत्संगति से संस्कार अंकुरित होते हैं, जो हमारे कर्म को श्रेष्ठ बनाते है। उन्होंने धनुष यज्ञ, अहिल्या उद्धार प्रसंगों का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। गुरु विश्वामित्र ने भगवान राम को सामाजिक धर्म निर्वाह की शिक्षा दी । जीवन जीने की सीख भगवान श्रीराम के जीवन से लेनी चाहिए। कथा विराम के बाद कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत, भाजयुमो प्रदेश महामंत्री सौरभ भूषण शर्मा, आयोजक गिरीश नारायण तिवारी, केके राज, बाबा रामनरेश यादव, ब्लाक प्रमुख अजीतमल रजनीश पांडेय, जिला पंचायत सदस्य विश्वजीत सिंह सेंगर सोनू आदि ने व्यास गद्दी की आरती पूजन कर आचार्य का आशीर्वाद लिया।