नमो देव्ये महा देव्ये: साधना ने बदल दी गांव की तस्वीर और लोगों की सोच
मिसाल -गांव की कोई भी महिला अब खुले में शौच नहीं जाती -हाल ही में प्रदेश के श्रेष्ठ ग्राम
मिसाल
-गांव की कोई भी महिला अब खुले में शौच नहीं जाती
-हाल ही में प्रदेश के श्रेष्ठ ग्राम पंचायत में हुई थी चयनित
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संवादसूत्र, दिबियापुर: हरचंदपुर गांव की महिला प्रधान साधना दुबे ने गांव की तस्वीर बदल दी। यह नहीं गांव की सोच बदली और आज कोई भी महिला खुले में शौच नहीं जाती और कोई बच्चा घर पर नहीं बैठा सभी स्कूल जाते है। गांव की हर गली पक्की और पेयजल व्यवस्था दुरुस्त है। हाल ही में प्रदेश की सर्वश्रेषठ पांच ग्राम पंचायतों में हरचंदपुर को भी चुना गया। मुख्यमंत्री ने सम्मानित कर उनकी तारीफ भी की।
गांव की बेहतरी का संकल्प लेकर साधना पहली बार प्रधान पद का चुनाव लड़ी और जीत भी गई। अब बारी थी कुछ कर दिखाने की तो वह जुट गई गांव की सूरत बदलने को।गांव में अंत्येष्टि स्थल बनवाया और लकड़ी बैंक की स्थापना की। जन्म से लेकर मौत तक यह लकड़ी बैंक साथ निभा रही है। इसके साथ ही गांव की सबसे बड़ी समस्या थी अहनैया नदी पर पुल न होना तो पुल का का निर्माण कराया। गांव को पूरी तरह से ओडीएफ कराने की कोशिस की। घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक किया और खुद सुबह निकलती थी जो महिलाएं बाहर जाती तो उन्हें समझाती और घर वापिस भेजती। उनकी मुहिम रंग लाई और कोई भी महिला अब बाहर शौच को नहीं जाती। घर-घर जाकर सभा बच्चों का दाखिला कराया। गांव में करीब दो सौ मकान जिनमें 25 लोहिया आवास, एक पंचायत भवन, 10 वाटर कूलर, कालका मां के मंदिर का निर्माण, 700 इज्जतघर, चार तालाबों का सुंदरीकरण भी कराया। गांव में सामुदायिक अस्पताल भी बन रहा है। किसानों के लिए निश्शुल्क सिचाई के लिए जैक वेल तकनीक के माध्यम से तालाबों का पानी किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए प्रयत्नशील हैं। पत्नी की सेवा देख बीएसएनल में सेवारत पति राजू दुबे ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और वह भी गांव की बेहतरी के लिए जुट गए। प्रदेश की पांच सर्वश्रेष्ठ पांच पंचायतों में हरचंदपुर शामिल होने पर अब ग्रामीण भी गर्व महसूस करते हैं।