Move to Jagran APP

प्रतिमाह बिल 1800 रुपये, बिजली चार-पांच घंटे

जागरण संवाददाता औरैया फसलों की सिचाई समय पर हो सके। इसलिए सरकार ने किसानों के लिए अ

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 11:27 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 11:27 PM (IST)
प्रतिमाह बिल 1800 रुपये, बिजली चार-पांच घंटे

जागरण संवाददाता, औरैया: फसलों की सिचाई समय पर हो सके। इसलिए सरकार ने किसानों के लिए अलग नलकूप पर बिजली आपूर्ति का शेड्यूल बनाया। उसके अनुसार ही सुबह पांच से शाम पांच बजे के बीच 10 घंटे बिजली देने के निर्देश भी दिए गए। इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। खरीफकी फसल बोने की तैयारी किसान कर रहा है। समय से बिजली न मिलने पर धान की पौध नहीं पड़ रही है। किसान पूरे दिन ट्यूबवेल के चक्कर काटते रहते हैं। बिजली की आंखमिचौली से परेशान होना पड़ता है।

loksabha election banner

आनेपुर उपकेंद्र से संबद्ध ग्राम पन्हर में इस समय बिजली आपूर्ति का बहुत बुरा हाल है। चार से पांच घंटे ही दिन में बिजली नलकूपों को मिल जाए तो गनीमत है। इस क्षेत्र में धान की बोआई किसान ज्यादा करते हैं। ऐसे में इसके लिए पौध कम से कम 20-25 दिन पहले से ही तैयार करनी पड़ती है। नलकूप के लिए अलग से शेड्यूल भी बनाया गया है। इसके लिए अलग से फीडर भी बनाए गए जिससे आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान न हो। फिर भी किसानों के लिए परेशानी जस की तस बनी है।

----------------

शेड्यूल के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। समय से पानी न मिलने की वजह धान की पौध तैयार नहीं हो पा रही है। समय से बेल न पड़ी तो फसल पिछड़ती ही चली जाएगी।

-यतेंद्र, किसान (फोटो-2) धान की बेल तैयार करने का समय भी आ गया है। लेकिन बिजली आपूर्ति चार-पांच घंटे मिलना मुश्किल है। जबकि दिन में ही 10 घंटे बिजली देने का शेड्यूल है। सुबह पांच से शाम पांच बजे के मध्य आपूर्ति होनी चाहिए। -अशोक, किसान (फोटो-3) मानसून आने से पहले धान की बेल डालने का काम शुरू हो जाता है। धान की फसल में पानी की ज्यादा जरूरत रहती है। ऐसे में 10 घंटे लगातार आपूर्ति मिलनी ही चाहिए। अभी तक ज्यादातर किसानों के खेत खाली ही पड़े थे। अब तो खेतों की जुताई बोआई का समय आ गया। बावजूद ढर्रा नहीं सुधर रहा।

-शिवम, किसान (फोटो-4) बिजली के लिए कई-कई बार खेतों पर चक्कर लगाने पड़ते है। पता ही नहीं रहता कि कब आएगी, कितने समय चली जाएगी। आपूर्ति आ भी गई तो इतने वोल्टेज कम होंगे कि मोटर चलेगी ही नहीं। मीटर लगे नहीं हैं, बिल पूरे माह का 1800 रुपये आ जाता है।

- रामजी, किसान (फोटो-5)

----------- क्या कहते हैं जिम्मेदार

आनेपुर केंद्र के अवर अभियंता से जानकारी कर शेड्यूल के अनुसार 10 घंटे बिजली आपूर्ति कराने की व्यवस्था की जाएगी।

-संतोष कुमार, अधिशासी अभियंता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.