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पै़गम्बरे इस्लाम अमन व शांति के दूत : लक्ष्मी शंकराचार्य

संवाद सूत्र फफूंद (औरैया) नगर में स्थित सुप्रसिद्ध मदरसा जामिया समदिया में पै़गम्बरे इस्लाम (इस्ला

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:24 AM (IST)
पै़गम्बरे इस्लाम अमन व शांति के दूत : लक्ष्मी शंकराचार्य
पै़गम्बरे इस्लाम अमन व शांति के दूत : लक्ष्मी शंकराचार्य

संवाद सूत्र, फफूंद (औरैया) : नगर में स्थित सुप्रसिद्ध मदरसा जामिया समदिया में पै़गम्बरे इस्लाम (इस्लाम धर्म के दूत) के जन्म दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें दोनों समुदाय के लोगो ने मुख्य अतिथि शंकराचार्य द्वारा सनातन धर्म और इस्लाम धर्म पर दिए गए तुलनात्मक व्याख्यान को सुना। शांति व अमन के दूत हजरत मुहम्मद स0 अलैहि वसल्लम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके आदर्शों पर चलने को प्रेरित किया। आतंकवाद फैलाना सिरफिरे लोगो का काम है उनका किसी धर्म व मजहब से संबंध नहीं हो सकता।

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सोमवार को आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते कुरआन से हुई। अंजुमन चिस्तिया समदिया के प्रबंधक एवं शहर काजी औरैया हजरत सय्यद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती ने कहा कि मुहम्मद साहब ने शांति तथा मानवता का संदेश दिया। उसे जन-जन तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य ने सनातन धर्म तथा इस्लाम धर्म पर तुलनात्मक व्याख्यान दिया। उन्होंने कुरआन और हदीस(मुहम्मद साहब के वचन)की रामायण और श्रीमद्भागवत गीता से तुलना की। हजरत मुहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनको गुस्सा नही आता था। क्षमा करना उनकी विशेषता थी। सभी को अमन देना उनकी मानवता थी। यही उपदेश रामायण और गीता में प्रमुखता से दिए गए हैं। जिहाद और आतंकवाद पर बोलते हुए कहा कि बुराई का अंत करने के लिए जो युद्ध किया जाता है उसे जिहाद कहा जाता है आतंकवाद नही। जैसे श्री राम ने लंका जाकर रावण के बुरे शासन और बुराइयों को मिटाने के लिए युद्ध किया था। इस्लाम और सनातन धर्म में आतंकवाद के लिए कोई जगह नही है। इस्लाम में इसकी निदा की गई है। किसी भी आतंकवादी का इस्लाम और सनातन धर्म से कोई रिश्ता नही हो सकता। यह तो विकृत मानसिकता के व्यक्ति अपने फायदे के लिए भय और आतंक फैलाकर लोगो को नुकसान पहुंचाकर मानवता की हत्या करते है। दोनों ही धर्म मानवता की शिक्षा देते हैं। दूसरों की भलाई से बढ़कर कोई धर्म नही और कष्ट पहुंचाने से बढ़कर कोई अधर्म नही हो सकता। जामिया समदिया के प्राचार्य मौलाना अनफासुल हसन खान ने भी पैगम्बर साहब के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया,कार्यकम का संचालन मौलाना गुलाम जीलानी ने किया। कार्यक्रम में सभासद प्रबल शर्मा, राजेश तिवारी, शिव कुमार, शब्बीर कुरैशी, नंदलाल, प्रतिनिधि अकील मेव, टीटू राजपूत, मुस्तकीम मेव, समाज सेवी इजहार अहमद खान मेव, मुस्लिम खान मेव,कन्हैया लाल, सोमचंद्र अग्रवाल,अन्नू अग्निहोत्री, आशीष कुमार, विजय सिंह यादव,मुन्नू यादव, पप्पू यादव, लाला दिवाकर सहित दोनों समुदाय के कई सैकड़ा व्यक्ति मौजूद रहे।


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